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मरु महोत्सव में रात भर चली रम्मत, भोर में हुआ समापन

जैसलमेर, 25 फरवरी (हि.स.)। राजस्थान पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन जैसलमेर के तत्वावधान में कृष्ण कम्पनी तेज मण्डली रम्मत कला संस्थान जैसलमेर के स्थानीय कलाकारों द्वारा बुधवार रात मरु महोत्सव में तेज कवि लिखित लोकनाट्य “रम्मत जोग राजा भर्तहरि का ख्याल“ का सूर्यादय होने तक मंचन किया गया। उज्जैन के राजा भर्तहरि के जीवन प्रसंग पर आधारित लोकनाट्य शैली में लगभग सौ वर्ष पूर्व रचित इस रम्मत का सफल मंचन जिला कलक्टर आशीष मोदी के संरक्षण मे पूरी रात किया गया। जिला कलक्टर मोदी ने लुप्त होती स्थानीय लोक सांस्कृतिक परम्परा के संरक्षण व संवद्र्धन के उद्देश्य से इसे अबकि बार मरु महोत्सव में शामिल किया। लोकानुरंजन के पारम्परिक माध्यम रम्मत के मंचन प्रोत्साहन को समर्थन व नए खिलाडी कलाकारों के उत्साहवर्धन हेतु समस्त पुराने खिलाडी - टेरिए , विभिन्न समाजों के मौजिज, रम्मत प्रेमी कलानुरागी, सद्गृहस्थ सपरिवार इष्ट मित्रें सहित जैसलमेर के रम्मतप्रेमी देखने में पूरी रात जमे रहे। जोधपुर, फलोदी, पोकरण व बीकानेर से बड़ी संख्या में रम्मतप्रेमी इस रम्मत को देखने के लिए पूनम स्टेडियम में रात भर उपस्थित रहे। सोशल मीडिया व संचार के विभिन्न माध्यमों से देश-विदेश के रम्मत अनुरागी सजीव प्रसारण से जुड़े रहे रहे। जिला कलक्टर आशीष मोदी ने स्वयं अपनी कोर टीम सहित देर रात तक रम्मत का आनन्द लिया। संस्कृति प्रेमियों के विभिन्न समूह और महिलाओं के दल शुरू से समापन तक टेर गुनगुनाने में सहभागी बने। पूनम स्टेडियम के विशाल मुक्ताकाशी मंच पर बुधवार रात मारवाड़ी रंगत की जैसलमेरी शैली के इस लोकनाट्य रम्मत में नए व उदीयमान कलाकारों के साथ-साथ पारम्परिक वरिष्ठ कलाकार प्रमुख किरदारों ने अपने अभिनय की छटा बिखेरी। वरिष्ठ कलाकारों एवं टेरियों ने प्रस्तुतीकरण में प्रभावी भूमिका अदा की। पुरुषों द्वारा अभिनीत स्त्री पात्रों की अदाकारी ने विशेष रूप से प्रभावित किया। रम्मत का समापन दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर में हुआ। टेर की स्वर लहरियों में शामिल कलाकार रम्मत मंचन को प्रभावी बनाने में टेरियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस रम्मत की टेर में प्रमुख रूप से उम्मेद व्यास भोपत, हरिवल्लभ शर्मा, राणीदान सेवग, रमेश बिस्सा रामलाल गोपा, भीखचन्द भोपत, हरिवल्लभ बोहरा, घनश्याम चूरा, अनिकेत बिस्सा, गिरधर पुरोहित, प्रवीण गोपा, मयंक व्यास, कमल जोशी, दिलीप शर्मा, महेन्द्र व्यास, नितिन व अन्य कलाकारों ने भाग लिया। हिन्दी सरलार्थ को मिली सराहना सचिव हरिवल्लभ बोहरा ने बताया कि दर्शकों की सुविधा के लिए मारवाड़ी भाषा के साथ-साथ कथानक का लिखित स्वरूप बडी स्क्रीन पर कथ्य की साझा समझ के लिए प्रस्तुत किया गया, ताकि आमजन भी साधारणीकरण में शामिल होकर टेर व गेयता में एकमेक होकर आनन्द के सहभागी बन सकें। इस नवीन प्रयोग को दर्शकों ने खूब सराहा। हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप

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