सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा के लिए संभागस्तर पर कार्यकर्ताओं में बांटी जिम्मेदारियां

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जयपुर, 27 फरवरी (हि.स.)। सिन्धु नदी के उद्गम स्थल पर दर्शन व स्नान से जीवन में पीढिय़ों का धर्मलाभ मिलता है। देश-दुनिया को अपनी संस्कृति से जोडऩे के लिए सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा को 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती 2021 में प्रथम सिन्धु महाकुम्भ का आयोजन लेह-लद्दाख में किया जा रहा है। यह जानकारी भारतीय सिन्धु सभा राजस्थान की जयपुर में आयोजित कार्यकर्ता बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरलीधर माखीजा ने दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष तीर्थयात्रा का ऑनलाइन पंजीयन चल रहा है, जिसमें देश-विदेश से तीर्थयात्री पंजीयन करा रहे हैं। तीर्थयात्रा के लिए प्रदेश के सभी जिलों में बैठके आयोजित कर पंजीयन करवाया जा रहा है। यात्रा में संत महात्मा, विभिन्न मत पंथों के प्रमुखों को भी निमंत्रित कर जोड़ा जा रहा है। सभा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि विभिन्न जिलों में प्रचार कर तीर्थयात्रा की चर्चा कार्यकर्ताओं के साथ हो रही है। प्रदेश प्रभारी महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि सिंधु महाकुंभ का आयोजन 19 जून से 27 जून तक दो ग्रुपों में किया जाएगा। यात्रा सडक़ मार्ग जम्मू से लेह व चंडीगढ़ तक व दूसरा मार्ग चंडीगढ़ से लेह जम्मू तक रहेगा। महाकुंभ में 21 जून को निर्जला एकादशी व 24 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा को शाही स्नान का आयोजन होगा। यात्रा कमेटी सदस्य दीपेश सामनाणी ने बताया कि तीर्थयात्रा में जुड़ाव के लिए राज्यभर में संभाग स्तर पर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। जो यात्रा के प्रथम चरण में जम्मू से सडक़ मार्ग की यात्रा में सम्मिलित होंगे। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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