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राजस्थान - मत्रीमंडल का सुझाव, जीवन रक्षा व आजीविका के बीच संतुलन के साथ मिले प्रतिबंधों में छूट

जयपुर, 07 जून (हि.स.)। कोरोना को लेकर राजस्थान सरकार द्वारा सभी मंत्रिमंडल के साथ बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार रात वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति तथा त्रिस्तरीय जन अनुशासन मॉडिफाइड लॉकडाउन-2 पर चर्चा की गई। मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने जीवनरक्षा के साथ-साथ आजीविका के लिए उचित संतुलन स्थापित करने के संबंध में सुझाव दिए। इन सुझावों के आधार पर गृह विभाग सोमवार को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा। मंत्रिपरिषद ने केंद्र द्वारा प्रदेश में ब्लैक फंगस की दवा की अपर्याप्त आपूर्ति पर चिंता व्यक्त की और रोगियों की संख्या के अनुपात में इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संबंध में केंद्र सरकार के साथ अधिक समन्वित प्रयास करने पर बल दिया। साथ ही, राज्य के स्तर पर विभिन्न कम्पनियों से भी सम्पर्क करने पर जोर दिया। मंत्रिपरिषद ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि संकट के इस समय में ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए विशेष विमान मुम्बई भेजकर राज्य सरकार ने रोगियों की जीवन रक्षा के लिए जरूरी वाइल्स की उपलब्धता सुनिश्चित की है। बैठक में ब्लैक फंगस के रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध कराने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाने पर बल दिया गया। बैठक में प्रभारी मंत्रियों ने अपने प्रभार वाले जिलों में दौरों का फीडबैक दिया तथा तीसरी लहर की तैयारियों के बारे में अवगत कराया। प्रभारी मंत्रियों ने दौरों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, टीकाकरण, जन अनुशासन लॉकडाउन के कारण संक्रमण में आई गिरावट, ऑक्सीजन की उपलब्धता, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने के कार्यों की प्रगति, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के बारे में जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि खांसी एवं जुकाम (आईएलआई) के लक्षण वाले रोगियों के सर्वे के लिए गठित टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर काम कर रही हैं। इनके माध्यम से घर-घर दवा किट वितरित कर कोरोना संक्रमण रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि वैक्सीनेशन तथा कोरोना के खिलाफ जंग के सभी मानकों में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में है। प्रदेश में वैक्सीन डोज की वेस्टेज 2 प्रतिशत के आस-पास ही है, जो कि वैक्सीन वेस्टेज की राष्ट्रीय औसत 6 प्रतिशत एवं भारत सरकार द्वारा अनुमत सीमा 10 प्रतिशत से काफी कम है। मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से 18 से 44 आयु वर्ग के लिए वैक्सीन की सुचारू आपूर्ति नहीं होने पर चिंता व्यक्त की और कहा कि वैक्सीनेशन के बिना संक्रमण की चुनौती से निपटना आसान नहीं होगा। बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार के प्रबंधन तथा जन अनुशासन लॉकडाउन की प्रभावी पालना के कारण राज्य में सक्रिय रोगियों की संख्या में तेजी से कमी लाने में मदद मिली है। मॉडिफाइड लॉकडाउन के अंतर्गत विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों को कुछ छूट दी गई है। लेकिन, कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। दुनिया के कई देशों में अनलॉक के बाद संक्रमण बढ़ा है और वहां तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसे में, हमें कोविड उपयुक्त व्यवहार को लगातार अपनाना होगा। मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की कड़ाई से पालना हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए। साथ ही, चिकित्सा विशेषज्ञों की भी यह सलाह है कि लॉकडाउन के प्रतिबंधों में एक साथ छूट नहीं देकर संक्रमण की तमाम आशंकाओं को ध्यान में रखकर निर्णय किया जाना उचित होगा। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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