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दो वयस्कों के बीच संबंध माना जा सकता है अनैतिक, लेकिन जीवन व स्वतंत्रता का संरक्षण भी जरूरी-हाईकोर्ट

जयपुर, 11 जून (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे अविवाहित प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने से जुडे मामले में कहा है कि दो वयस्कों के बीच संबंध अनैतिक और असामाजिक हो सकता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसलों व संविधान के प्रावधानों के अनुसार उनके जीवन व स्वतंत्रता को भी संरक्षित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता जोडे को कहा है कि याचिका की कॉपी संबंधित थानाधिकारी को पेश करें और थानाधिकारी उन्हें सुरक्षा देने के लिए उचित कदम उठाए। अदालत ने स्पष्ट किया है कि अदालती आदेश किसी अन्य सिविल या आपराधिक मामले के अनुसंधान में रुकावट नहीं बनेगा। न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे युवक-युवती की याचिका पर दिए। अदालत ने कहा कि राजस्थान पुलिस एक्ट, 2007 की धारा 29 के तहत पुलिसकर्मी का यह कर्तव्य है कि वह नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता को संरक्षण दे। याचिका में कहा था कि दोनों याचिकाकर्ता वयस्क और अविवाहित हैं। उनके एक साथ रहने पर परिजन राजी नहीं है और उन्हें धमकियां दी जा रही हैं। इससे उनके जीवन और स्वतंत्रता को खतरा है। इसलिए पुलिस को निर्देश दिए जाए कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर

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