राज्यसभा सांसद ने पंजाब सरकार पर लगाया लापरवाही का आरोप
जोधपुर, 14 जून (हि.स.)। राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने आरोप लगाया है कि इंदिरा गांधी नहर में पंजाब सरकार की लापरवाही के कारण केमिकल युक्त पानी को छोड़ा जा रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तक पंजाब पर जुर्माना लगा चुका है। इसके बावजूद वहां की सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस लापरवाही का खामियाजा पश्चिमी राजस्थान के करोड़ों लोगों को भुगतना पड़ रहा है। यदि हम अभी भी नहीं चेते तो आने वाले दिनों में इंदिरा गांधी नहर एक गंदे नाले में बदल जाएगी। ऐसे में हम सभी को समय रहते सामूहिक प्रयास करने होंगे। जिससे पंजाब में इस नहर में किसी प्रकार को केमिकल न छोड़ा जा सके। उन्होंने कहा इंदिरा गांधी नहर से आ रहा दूषित जल जोधपुर पहुंच चुका है। यहां पानी में बदबू आ रही है। बेहतर होता कुछ दिन के लिए इस पानी को काम में न लेकर सीधे खुले में बहा दिया जाता। ताकि पीछे से आने वाला साफ पानी ही पीने के काम में लिया जाता। जलदाय विभाग ने जल्दबाजी की और यह पानी अब जोधपुर के प्रमुख जलाशय कायलाना में पहुंच गया। जोधपुर में लिफ्ट केनाल से जो गंदा पानी आ रहा है उससे लोगों में बीमारियों फैल रही है। प्रदेश के 10 जिलों में पेयजल और सिचाई का मुख्य स्त्रोत इंदिरा गांधी नहर परियोजना में दूषित केमिकल युक्त पानी आने से न केवल कृषि योग्य भूमि बंजर हो रही है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि वह पंजाब सरकार पर इंदिरा गांधी कैनाल के पानी में केमिकल व सीवरेज पानी को न छोडऩे के लिए दबाव बनाए। राजीव गांधी लिफट नहर परियोजना राजस्थान के 10 जिलों गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, चूरू, सीकर, झुंझुनू व नागौर के 7500 गांवों, शहरों और करवों को पेयजल व सिचाई हेतु जल की आपूर्ति होती है। वर्तमान में जो पानी हरिके बैराज में छोड़ा गया है वह काफी दूषित पानी है। इसमें पंजाब के कई औद्योगिक इकाइयों का दूषित केमिकल युक्त पानी और शहरी सीवरेज का गंदा पानी मिलने से यह पानी जहरीला हो रहा है। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष घनश्याम डागा, जिला महामंत्री देवेन्द्र सालेचा, महेन्द्र मेघवाल, डा. करणीसिंह खींची, देवराज बोहरा, जगदीश धाणदिया भी मौजूद रहें। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप