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नेट-थियेट के फोक-फ्यूजन में सजे राजस्थानी साज

जयपुर, 03 अप्रैल (हि. स.)। नेट-थियेट पर फोक-फ्यूजन कार्यक्रम में युवा फोक कलाकार ममता सपेरा ने फोक-फ्यूजन में राजस्थान के प्रमुख साज भपंग, मोरचंग और खड़ताल के साथ राजस्थानी लोक गीतों पर जुगलबंदी कर दर्शकों का मन मोह लिया। फोक-फ्यूजन के इस कार्यक्रम में गायक और हारमोनियम पर लोकेश सपेरा तथा ढोलक पर लाल राणा ने अपनी संगत से राजस्थान के लोकगीतों और जुगलबंदी को परवान चढ़ाया। कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना से कर केसरिया बालम और बोले तो मीठो लागे आदि गानों के साथ राजस्थान के इन दुर्लभ साजों की शानदार जुगलबंदी की बानगी पेश की। आशीश जैन ने किया। मंच सज्जा परिकल्पना डॉ. मुकेश सैनी, प्रबंधन गुरमिंदर सिंह पुरी, कैमरा जितेन्द्र शर्मा, प्रकाश अंकित जांगिड़ ने संभाला। संगीत विष्णु कुमार जांगिड़ का रहा। मंच पाश्र्व में तुषार, जिवितेश सौरभ कुमावत अंकित शर्मा नोनू, अजय शर्मा का रहा। नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि भपंग, मोरचंग और खड़ताल आमतौर पर पुरुष कलाकार ही बजाते नजर आते रहे है, लेकिन ममता सपेरा एक ऐसी महिला कलाकार के रूप में उभर कर सामने आई है जो इन तीनों साजों को बजाकर अपनी कला का प्रदर्शन कर रही है। ममता सपेरा सुप्रसिद्ध कालबेलिया नर्तकी राजकी सपेरा की पुत्री एवं शिष्य है। विरासत में मिली नृत्य की शिक्षा के साथ इन साजों पर भी अभ्यास कर उन्होंने लोगों के सामने एक मिसाल की तरह पेश की है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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