Publication of the text of the tenants of Maharaja Mansingh Marwar
Publication of the text of the tenants of Maharaja Mansingh Marwar

महाराजा मानसिंह कालीन मारवाड़ के पट्टेदारों के ग्रन्थ का प्रकाशन

जोधपुर, 02 जनवरी (हि.स.)। महाराजा मानसिंह के समय में लिपिबद्ध मारवाड़ रा पट्टेदारां री विगत नामक महत्वपूर्ण ग्रन्थ का प्रकाशन मेहरानगढ़ म्यूजिय़म ट्रस्ट एवं चौपासनी शिक्षा समिति द्वारा किया गया। राजस्थानी शोध संस्थान में संग्रहित लगभग 210 वर्ष पूर्व रचित इस दुर्लभ ग्रन्थ में मुख्य रूप से विभिन्न कस्बों एवं परगनों में स्थित गांवों की पट्टा-जागीर के उल्लेख के साथ ही खालसा एवं सांसण गांवों का विवरण दिया है जिसमें मुख्य रूप से पट्टे में दिए गांवों की रेख, हुकमनावा एवं सुकराणा शुल्क, विभिन्न जाति अनुसार पट्टेदारों का नामोल्लेख और पट्टा किससे जब्त कर दिया है वह महत्वपूर्ण है। महाजनी लिपि में लिपिबद्ध इस महत्वपूर्ण ग्रन्थ की सुवाच्य प्रतिलिपि करने के पश्चात इसके सम्पादन एवं प्रकाशन में दो वर्ष का समय लगा। पट्टों का ध्यान पूर्वक अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि अधिकांश पट्टों में दिये गये गांव स्थाई जागीर के रूप में दिये गये थे। ये पट्टे स्थाई जागीरदारों को वंश परम्परागत मिले थे। इन पट्टेदारों के गांव की विगत में करीब 2400 गावों के पट्टेदारों का उल्लेख हुआ है। इतिहास लेखन में उपयोगी : राजस्थानी शोध संस्थान के सहायक निदेशक विक्रमसिंह भाटी ने बताया कि इस ग्रन्थ में पट्टेदारों में मुख्य रूप से राठौड़, भाटी, चौहान, गहलोत, पडि़हार, सोलंकी, दहिया, शेखावत, तंवर, खींची, सांखला, सोढा, भायल, चावड़ा, हूल, सोभावत, असायच, बडगुजर, मुहता, सिंघवी, श्रीमाली, व्यास, छंगाणी, जोसी, भंडारी, सुराणा, आसोपा, चोपड़ा, कोठारी, उपादिया, धायभाई, काजी, कायमखानी, पठान, नायक, अंगोलिया, गजधर, अबदार, सुथार, पणिया, खवास, नाजर, भट, चटनवेस, तंबोली, सेवग, राणिमंगा भाट, गयागुर, भारती, बालीयार, धांधू, नाई, नगारची, दर्जी, राइका, चितारा आदि के पट्टों का भी उल्लेख हुआ है। वहीं मन्दिर एवं मठ तालके पट्टों एवं ताम्रपत्रों के अलावा सांसण के रूप में चारण, पुरोहित और जोगियों को पट्टे में मिले गांवों का ब्यौरा भी मिलता है। विभिन्न जातियों के इतिहास लेखन के साथ ही राज्य में पट्टा व्यवस्था के सूत्र जानने में यह ग्रन्थ बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश / ईश्वर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in