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रामनिवास धाम में फूलडोल महोत्सव का हुआ समापन

भीलवाड़ा, 02 अप्रैल (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा में स्थित रामस्नेही संप्रदाय की मुख्यपीठ के पंचदिवसीय फूलडोल महोत्सव का शुक्रवार को औपचारिक समापन हो गया है। आज पांचवे दिन भी संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक वाणीजी का थाल शोभायात्रा के रूप में बारादरी पहुंचा। कोरोना के चलते इस बार महोत्सव में बाहर से कोई भी रामस्नेही अनुरागी यहां नहीं पहुंचा। रामनिवास धाम ट्रस्ट पहले ही सभी कार्यक्रम वर्चुअल करने की घोषणा करते हुए कोरोना गाइड लाइन की पालना की सुनिश्चितता कर दी थी। आज महोत्सव के समापन पर संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्यश्री रामदयालजी महाराज ने चार्तुमास की अर्जियों के वाचन के बाद अभिजीत मुर्हत में अपना अगला चार्तुमास शाहपुरा में करने की घोषणा की। चार्तुमास की घोषणा होते ही शाहपुरा के भक्तों में उत्साह का संचार हो गया तथा रंग गुलाल खेलकर उन्होंने जुलूस निकाल कर खुशी का इजहार किया। इस दौरान हर तरफ राम नाम का जयघोष तथा राम नाम का जप दिख रहा था। रामनिवास धाम में यों तो हर बार महोत्सव में हजारों की तादाद में भक्त पहुंचते थे पर इस बार कोरोना के चलते भक्तों की संख्या काफी कम रही। उपखंड प्रशासन, नगर पालिका व रामस्नेही संप्रदाय के संयुक्त निर्णय के बाद पालिका की ओर से भी महोत्सव के दौरान कोई कार्यक्रम भी नहीं किया गया। केवल रामनिवास धाम में प्रातकालीन सत्र में आचार्यश्री के प्रवचन, रामधुनि के कार्यक्रम वर्चुअल ही हुए। मुख्यद्वार पर एलईडी लगाकर स्थानीय भक्तों ने बाहर से ही दर्शन कर आत्मिक सुख की अनुभूति की। रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिक पांच दिवसीय फूलड़ोल महोत्सव का समापन शुक्रवार को अपरान्ह में बारादरी में केवल संतो की उपस्थिति में आचार्यश्री रामदयालजी महाराज के चार्तुमास की घोषणा के साथ हुआ। आचार्य श्री रामदयालजी महाराज का आगामी चार्तुमास शाहपुरा में होगा। इससे पूर्व चार्तुमास की विनती करने के लिए अरजियों का वाचन संतों द्वारा किया गया। आचार्यश्री द्वारा चार्तुमास की घोषणा होते ही शाहपुरा के भक्तजनों में उत्साह का संचार व्याप्त हो गया तथा उन्होनें रामनिवास धाम परिसर में आचार्यश्री द्वारा प्रदत्त गोटकाजी की शोभायात्रा निकाल कर अपनी खुशियों का इजहार किया। आज चार्तुमास की विनती करने वालों शाहपुरा के अलावा पुष्कर, निम्बाहेड़ा, कैथुन, मनासा, नईदिल्ली, अमेरिका के संत थे। शुक्रवार को बारादरी में दोपहर में अभिजीत मुहर्त में आचार्यश्री रामदयालजी महाराज ने राम नाम सुमिरन करते हुए अपना चार्तुमास करने की घोषणा की। बारादरी में नहीं दिखा आकर्षक नजारा- चार्तुमास की घोषणा के ठीक पहले बारादरी में आचार्यश्री से अनुनय विनय करने के लिए भक्तजनों का आकर्षक नजारा इस बार नहीं दिखा। हर बार वहां पर पैर रखने की जगह भी नहीं मिलती थी, इस बार केवल संतों की मौजूदगी रही थी। फूलडोल महोत्सव के अंतिम दिन रामस्नेही संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक रामस्नेही कॉटेज से आद्याचार्य की अणभैवाणी की शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में स्थानीय भक्त जन भक्ति भाव से चल रहे थे। आज महिलाओं की संख्या भी अधिक थी। महोत्सव के समापन की घोषणा के साथ ही भक्त जनों की वापसी शुरू हो गई है। हिन्दुस्थान समाचार/मूलचन्द पेसवानी/संदीप

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