पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस को वर्चुअल श्रद्धांजलि
जोधपुर, 29 दिसम्बर (हि.स.)। राजस्थानी भाषा के शब्दकोष रचियता पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस की जयन्ती एवं पुण्यतिथि मंगलवार को स्मृति दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर कई संस्था-संगठनों की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान वर्चुअल श्रद्धासुमन भी अर्पित किए गए। सिटिजन्स सोसायटी फॉर एज्यूकेशन के अध्यक्ष किशनगोपाल जोशी ने बताया कि मथुरादास माथुर अस्पताल शॉपिंग कॉम्पलेक्स लालस चौराहे पर स्थित पद्मश्री डॉ. सीताराम लालस की मूर्ति पर मंगलवार को पुष्पांजलि सभा का आयोजन सीएसई तथा चारण समाज के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर सिटिजन्स सोसायटी फॉर एज्यूकेशन के पदाधिकारी व अन्य शिक्षाविदों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रतिमा पर राजस्थानी भाषा के साहित्यकारों ने पुष्पांजलि अर्पित कर बताया कि सीताराम लालस ने राजस्थानी भाषा में एक अपनी अनूठी मिसाल कायम की। इस अवसर पर साहित्यकार प्रोफेसर कल्याण सिंह शेखावत, प्रोफेसर जहूर खां मेहर सहित कई राजस्थानी साहित्यकार उपस्थित थे। इन राजस्थानी साहित्यकारों ने राजस्थानी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने और मान्यता दिलाने के लिए शपथ ली तथा कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए भरपूर प्रयास किया जाएगा। महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाष शोध केन्द्र के सहायक निदेशक डॉ. महेन्द्रसिंह तंवर ने बताया कि राजस्थानी भाषा, साहित्य व संस्कृति के पैरोकार, ख्यातनाम शब्द मनीषी पद्मश्री सीताराम लालस द्वारा संकलित 11 भागों में प्रकाशित राजस्थानी सबद कोस को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने हेतु जोधपुर के 562वें स्थापना दिवस के अवसर पर गजसिंह द्वारा शब्द कोष को ऑनलाइन करने हेतु परियोजना की घोषणा की गई थी। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश / ईश्वर-hindusthansamachar.in