oxygen-quota-of-private-hospitals-of-the-state-increased-but-availability-uncertain
oxygen-quota-of-private-hospitals-of-the-state-increased-but-availability-uncertain

प्रदेश के निजी अस्पतालों का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाया पर उपलब्धता अनिश्चित

अजमेर, 07 मई(हि.स.)। प्रदेश के पांच निजी अस्पतालों का ऑक्सीजन कोटा फिर से बढ़ गया है। प्रदेश के इन पांचों अस्पतालों को गुजरात के जामनगर से लिक्विड आक्सीजन मिलेगी किन्तु कब से नियमित मिलेगी यह अभी सुनिश्चित नहीं हो सका है। इसलिए मरीजों की सांसों पर प्राणवायु का संकट अभी बरकरार है। जानकारी के अनुसार केंद्र ने प्रदेश के निजी अस्पतालों को मिलने वाला आक्सीजन कोटा कोर्ट के आदेश के क्रम में कम कर दिया था। इससे प्रदेश के कोरोना रोगियों सहित अन्य सभी उन रोगियों के लिए प्राणवायु का संकट खड़ा हो गया था जो कि इन निजी अस्पतालों में उपचाररत थे। चिकित्सालय प्रशासन ने सभी रोगियों को अन्यत्र स्थानान्तरण की सलाह देनी शुरू कर दी थी। आखिर प्रदेशवासियों को प्राणवायु की संकट के समय राज्य सभा सांसद भूपेन्द्र यादव ने अपनत्व दिखाया और संकट की घड़ी में आगे आए। अजमेर के मित्तल अस्पताल के निदेशक मनोज मित्तल ने राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव का आभार दर्शाते हुए बताया कि हाल ही में केन्द्र सरकार ने प्रदेश के पांच अस्पतालों को ऑक्सीजन 15 मीट्रिक टन कर दिया था, जबकि प्रतिदिन 30 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलता आ रहा था। इन अस्पतालों में जयपुर के महात्मा गांधी, संतोकबा दुर्लभजी, नारायणा और भगवान महावीर अस्पतालों के साथ अजमेर का मित्तल अस्पताल भी शामिल है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों की परेशानी को देखते हुए यादव ने केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से दो बार बात की और कोटा बढ़ाने का आग्रह किया। यादव के प्रयासों के कारण ही अब ऑक्सीजन का कोटा पहले की तरह 30 मीट्रिक टन का हो गया है। यादव ने एक जनप्रतिनिधि होने के नाते पूरी जागरुकता दिखाई है। उन्होंने बताया कि जब पहले की तरह ऑक्सीजन मिलने लगेगी तो अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट नहीं रहेगा, अभी यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आक्सीजन कैसे और कहा से सुगमता से उपलब्ध हो सकेगी। फिलवक्त अभी मित्तल अस्पताल को भी ऑक्सीजन की किल्लत से गुजरना पड़ रहा है। पाठकों के लिए बता दे कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केन्द्र सरकार ने दिल्ली को प्रतिदिन 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने का जो निर्णय किया है उससे ही राजस्थान को परेशानी हो रही है। प्रदेश के पांच निजी अस्पतालों को अभी तक लिक्विड ऑक्सीजन हरियाणा के पानीपत प्लांट से मिल रही थी, लेकिन अब दिल्ली को रोजाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने के कारण केन्द्र सरकार ने राजस्थान को गुजरात के जामनगर प्लांट से ऑक्सीजन लेने को कहा है। तत्काल प्रभाव से पानीपत के प्लांट से सप्लाई रोक दी गई है। चूंकि जामनगर प्लांट से ऑक्सीजन आने में 15 घंटे से भी ज्यादा का समय लगेगा, इसलिए अजमेर के मित्तल हाॅस्पिटल सहित जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल और अन्य अस्पतालों ने कोविड मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी है। इन अस्पतालों में फिलहाल सामान्य रोगी ही भर्ती किए जा रहे हैं। दूसरी और प्रदेश में कोविड पीड़ितों का आकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। लोग कोविड पाॅजिटिव होने के बाद भले ही होम क्वारेंटीन रहकर उपचार ले रहे हैं किन्तु उन्हें सेचुरेशन कम होते ही हाॅस्पिटल का रुख करना पड़ता है, हाॅस्पिटलों में कही भी आक्सीजन और वेंटीलेटर बैड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in