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सिंधी भाषा दिवस पर युवा पीढ़ी ले घर में सिंधी में बोलने का संकल्प

अजमेर, 11 अप्रैल (हि.स.)। विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने सिंधी भाषा दिवस के अवसर पर कहा कि सम्पूर्ण सिंधी समाज इस बात पर गर्व महसूस करता है कि सिंधी हमारी मातृभाषा है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा किसी भी संस्कृति की आत्मा होती है। हमारी मातृभाषा सिंधी इतनी समृद्ध, मधुर व संस्कारवान है कि यह सर्वाधिक वर्णो से सम्पन्न संस्कृत भाषा से मिलती-जुलती है। देवनानी ने सिंधी भाषा दिवस के अवसर पर समाज की युवा पीढ़ी का आव्हान किया है कि वे इस अवसर पर यह संकल्प ले कि घर में अपनी मातृभाषा सिंधी में ही बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि बोलचाल में सिंधी भाषा का अधिकतम उपयोग किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब हमारी भाषा इतनी समृद्ध है तो आज की युवा पीढ़ी को इससे विमुख होने के स्थान पर ज्यादा से ज्यादा सिंधी भाषा का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाषा को केवल रोजगार की दृष्टि से ही नहीं देखना चाहिए क्योंकि भाषा हमारी संस्कृति की संवाहक एवं मनुष्य के चरित्र निर्माण में सहायक होती है। इतना ही नहीं मातृभाषा अपने परिवेश, समाज की संस्कृति व विचारों को अभिव्यक्त करने का भी सशक्त माध्यम होती है। देवनानी ने कहा कि 10 अप्रेल 1967 को भारत सरकार द्वारा संविधान में 21वां संशोधन करते हुए सिंधी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में जोड़ा गया जिससे सिंधी भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। उन्होंने बताया कि सिंधी भाषा को 8वीं अनुसूची में जोड़े जाने से सिंधी भाषियों को अपनी ही मातृभाषा में अध्ययन करने, विभिन्न शैक्षणिक व प्रतियोगी परिक्षाऐं देने का अवसर मिला तथा सिंधी साहित्यकारों की भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी। हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ ईश्वर

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