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अब पोल्ट्री कारोबार को बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचाने की कवायद, 1986 सैम्पल जालंधर भेजे

जयपुर, 22 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान में बर्ड फ्लू के संक्रमण की दहशत के बीच पशुपालन विभाग ने अब पोल्ट्री फार्म में संक्रमण रोकने की कवायद शुरु की है। विभाग ने प्रदेश की पोल्ट्री फार्म से 1986 सैम्पल्स क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (नॉर्थ जोन) जालंधर तथा प्रवासी व वन्य पक्षियों के 724 ड्रोपिंग सैम्पल्स एकत्र कर राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल को भेजे हैं। इस बीच, राज्य के विभिन्न जिलों में शुक्रवार शाम तक बीते 24 घंटों में 197 पक्षियों की मौत हुई। इन्हें मिलाकर अब तक राज्य में 6290 पक्षी असमय काल का ग्रास बन चुके हैं। राजस्थान के 33 में से 27 जिलों के 272 नमूनों में से अब तक 17 जिलों के 67 नमूनों में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी हैं। भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान के निदेशक तथा राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल के प्रिसिंपल साइंटिस्ट के अनुसार जिन भी जिलों के सैम्पल्स पूर्व में एवियन एन्फ्लूएन्जा के लिए जांच में पॉजिटिव पाए गए है, उन जिलों से आगे अन्य सैम्पल्स भेजने की आवश्यकता नहीं है। अन्य जिलों से आवश्यकता अनुसार जांच के लिए मृत पक्षियों के सैम्पल्स भोपाल भेजे जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में पोल्ट्री, प्रवासी तथा वन्य पक्षियों में एवियन एन्फ्लूएन्जा सर्विलान्स के लिए पूरे राज्य से पोल्ट्री के 728 क्लोएकल स्वाब, 700 ट्रेकियल स्वाब, 420 सीरम तथा 138 एन्वारमेन्टल सैम्पल्स (कुल 1986 सैम्पल्स) एकत्रित कर क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (नॉर्थ जोन) जालंधर तथा प्रवासी व वन्य पक्षियों के 724 ड्रोपिंग सैम्पल्स एकत्रित कर राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल को भेजे गए हैं। पशुपालन विभाग के स्टेट बुलेटिन के अनुसार एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के संक्रमण की जद में अब तक 17 जिले राजधानी जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, पाली, सिरोही, कोटा, बारां, झालावाड़, बांसवाड़ा, चित्तौडगढ़़, टोंक, करौली, प्रतापगढ़, झुंझुनूं व भीलवाड़ा आ चुके हैं। भोपाल की रेफरल लैब से इन जिलों में मृत पाए गए पक्षियों के सैम्पल्स की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू का संक्रमण माना जा चुका हैं। पक्षियों की असामान्य मौतों का सिलसिला सर्वप्रथम राज्य के झालावाड़ जिले में प्रारंभ हुआ था। यहां कौओं की असामयिक मौतों के बाद विभिन्न जिलों में पक्षियों की मौतें होने का सिलसिला शुरू हुआ, जो अब तक जारी है। प्रदेश में 25 दिसम्बर से लेकर शुक्रवार तक 6290 पक्षी असामयिक मौत के शिकार हो चुके हैं। इनमें 4408 कौएं, 360 मोर, 539 कबूतर तथा 983 अन्य पक्षी शामिल है। प्रदेश में गुरुवार शाम तक गुजरे 24 घंटों में विभिन्न जिलों में जिन 197 पक्षियों की मौतें हुई हैं, उनमें 102 कौएं, 62 कबूतर, 12 मोर तथा 21 अन्य पक्षी शामिल हैं। भोपाल की रेफरल लैब से राज्य के 10 जिलों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी हैं। इनमें अलवर, सीकर, नागौर, भरतपुर, बीकानेर, चूरु, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर जिला शामिल हैं। जबकि, राजसमंद, बूंदी, उदयपुर, झालावाड़, धौलपुर, अजमेर जिले से अब तक विभाग ने एक भी सैम्पल नहीं लिया है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्चर-hindusthansamachar.in

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