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झुंझुनू में अब जांच के लिए निजी लैबों पर नहीं जाना पड़ेगा मरीजों को

झुंझुनू, 18 फरवरी(हि.स.)। संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने गुरुवार को बीडीके अस्पताल के लैब के निरीक्षण के दौरान पाया कि यहां संविदार्कमियों सहित कुल 14 लैब टैक्नीशियन हैं, वहीं 2 पैथोलॉजिस्ट भी नियुक्त हैं। जांच भी आधुनिक मशीन से होती है, इसके बावजूद निशुल्क जांच का समय 9 से 12 यानी केवल 3 घंटे ही होती है। इस वजह से मरीजों को निजी लैबोरेटरीज का रुख करना पड़ता है। जिसके बाद डॉ. समित शर्मा ने पीएमओ डॉ. अनिल महलावत को निर्देश दिए कि शुक्रवार से राजकीय बीडीके अस्पताल में निशुल्क जांच का समय सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक किया जाए। ताकि आम जनता को राहत मिल सके। डॉ. शर्मा ने कहा कि इतनी मशीनरी और मानव संसाधन के बावजूद केवल 3 घंटे ही जांच होना, सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है। वे गुरुवार को झुंझुनू के दौरे पर थे। यहां उन्होंने सर्वप्रथम गार्ड की सलामी लेने के बाद सर्किट हाऊस में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित होने की बधाई देते हुए कहा कि ये आप सभी लोगों की मेहनत का परिणाम हैं, आगे भी इसी तरह और मेहनत करें। उन्होंने कहा कि आपकी मेहनत से आपके विभाग के बाकी कर्मचारी एवं अधिकारी भी प्रेरणा लेंगे। डॉ. शर्मा ने कहा कि सभी कार्मिक सरकारी नौकरी में आएं हैं, भगवान ने ऎसा अवसर दिया हैं, लिहाजा आप सभी प्रण कर लेंवे कि आपके विभाग में आने वाले हर व्यक्ति की मदद करनी है। ईश्वर ने सभी शिक्षक, डॉक्टर, कलेक्टर, एसपी को दूसरे लोगों की मदद के लिए चुना है। सम्भागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने जिला मुख्यालय स्थित राजकीय भगवानदास खेतान अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां उन्होंने ईएनटी के चिकित्सकों से ओपीडी की कम संख्या पर रोष जाहिर किया। सीएमएचओं डॉ. छोटेलाल गुर्जर एवं पीएमओं डॉ. अनिल महलावत से जिला अस्पताल में चिकित्सकों की संख्या के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि पूरे अस्पताल में 70 चिकित्सक अलग-अलग विभाग में पदस्थापित हैं। जिस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सकों के बावजूद भी यहां ओपीडी की संख्या कम होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने पीएमओ को ओपीडी बढ़ाने के निर्देश दिए। बकौल संभागीय आयुक्त यदि चिकित्सकों की संख्या की ज्यादा है, तो सेवाओं की गुणवत्ता भी बढ़नी चाहिए। उन्होंने ओपीडी में निरीक्षण करते हुए कहा कि यदि प्रत्येक चिकित्सक पूरे सेवाभाव के साथ कार्य करे, तो रोगी निजी अस्पतालों की ओर जाने की बजाय यहां आना पसंद करेंगे। यदि रोगी कम आ रहे हैं, तो प्रत्येक रोगी को चिकित्सक अधिक समय देंवे, जिससे रोगी संतुष्ट हो। उन्होंने बीडीके अस्पताल में लगी ई-मित्र प्लस मशीन का कम उपयोग पर रोष जाहिर किया। हिन्दुस्थान समाचार / रमेश सर्राफ/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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