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कोविड व्यवस्थाओं को लेकर अगली सुनवाई गुरुवार को, केंद्र व राज्य सरकार से मांगे जवाब

जोधपुर, 04 मई (हि.स.)। कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर बरती जा रही कोताही और केन्द्र सरकार की ओर से पर्याप्त मात्रा में राजस्थान को ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं देने को लेकर दायर जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने कड़ा रवैया अपनाया है। कोर्ट ने इस बारे में केन्द्र व राज्य सरकार को जवाब तलब करते हुए उपलब्धता सुनिश्चित करने को रोडमैप पेश करने को कहा है। समाजसेवी सुरेन्द्र जैन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांती व न्यायाधीश विनीत माथुर की खंडपीठ ने कई आदेश जारी कर रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई छह मई को होगी। जनहित याचिका में कई मसले उठाए गए है। केन्द्र सरकार को कहा गया है कि मरीजों की संख्या आधार पर अन्य राज्यों के समान राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति किस तरह से सुनिश्चित की जा सकती है। इसे लेकर पूरा प्लान पेश किया जाए। हाईकोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार से पर्याप्त ऑक्सीजन व दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक्शन प्लान मांगा जाए। राज्य सरकार के कहा जाए कि ना केवल सरकारी बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी उनकी तरफ से बताई गई आवश्यकताओं व मरीजों की स्थिति के अनुसार ऑक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाए। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नवम्बर 2020 में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश दिया गया था, लेकिन ये अभी तक शुरू नहीं हो पाए है। इन्हें समयबद्ध तरीके से शीघ्र पूरा किया जाए। प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए ली जाने वाली राशि प्रदर्शित की जानी चाहिए। साथ ही समाचार पत्रों में भी इन दरों को प्रकाशित कराया जाना चाहिए। ताकि किसी से अधिक राशि वसूली नहीं जा सके। राज्य सरकार से कहा गया है कि प्रत्येक जिला कलेक्टर व सीएमएचओ सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के अधीक्षकों के साथ बैठक कर रोजाना जिले में उपलब्ध बेड, वेंटिलेटर व आईसीयू बेड की समीक्षा की जाए। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप

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