नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत केन्द्रित स्टूडेंट फ्रेंडली - विद्यार्थी परिषद
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत केन्द्रित स्टूडेंट फ्रेंडली - विद्यार्थी परिषद

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत केन्द्रित स्टूडेंट फ्रेंडली - विद्यार्थी परिषद

उदयपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने नई शिक्षा नीति को देश की आकांक्षाओं के अनुरूप आधुनिक भारत को गढऩे में महत्वपूर्ण बताते हुए इसका स्वागत किया है। विद्यार्थी परिषद ने इसे स्टूडेंट फ्रेंडली बताया है। शुक्रवार को उदयपुर में अभाविप कार्यालय नचिकेता भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रांतीय मंत्री जयेश जोशी ने कहा कि विद्यार्थी परिषद् कई वर्षों से नई शिक्षा नीति को लागू करवाने के लिए प्रयासरत थी। परिषद के अधिवेशन, राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद में इसको लेकर प्रस्ताव पास किए गए थे। साथ ही कई बड़े आन्दोलन भी इसके लिए किए गए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को स्टूडेंट फ्रेंडली भी कहा जा सकता है क्योंकि इसमें जहां स्कूली छात्र के बस्ते के बोझ को कम करने की बात की गई है तो दूसरी ओर उनके बोर्ड एक्जाम के स्ट्रेस को भी कम करने का प्रयास किया गया है। साथ ही उच्च शिक्षा में विषय चयन में पूरी स्वतंत्रता देकर विज्ञान, कला, वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को विषयों को इच्छानुसार चुनने की छूट देकर छात्रों की क्षमता को नया आयाम देने का प्रयास किया गया है। इसी तरह 3 साल के बच्चों के स्वास्थय के बारे में ध्यान रख उनके पोषण के लिए जरूरी कदम उठाने का प्रावधान भी किया गया है। नई शिक्षा नीति में शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। साथ ही शोध को बढ़ावा देकर देश को आत्मनिर्भर बनाने का नया सूत्र दिया गया है। कौशल विकास के साथ छात्रों को कृषि सहित अन्य सभी दैनिक जीवन के कार्य सिखा कर स्वरोजगार के लिए तैयार किया जाएगा। स्कूल कॉम्प्लेक्स का भी प्रावधान किया गया है जिसमें कम संसाधनों में अधिक छात्रों को अलग-अलग कलाओं में पारंगत करने का कार्य किया जाएगा। सिंगल एन्ट्री - मल्टिपल एक्जिट के प्रावधान से भी फायदा है। विद्यार्थी पारिवारिक या अन्य किसी कारण से उच्च शिक्षा मध्य ही छोड़ता है तो उसका वर्ष व्यर्थ न हो सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स एवं डिग्री जैसे प्रावधान किए गए हैं। अभाविप की मांग है कि सरकार इस नीति को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाकर आम आदमी को राहत प्रदान करने की शुरुआत करे। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप-hindusthansamachar.in

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