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पानी में जमा काई व कूड़ा-करकट में खो रहा माउंट आबू का आकर्षण

सिरोही, 08 फरवरी (हि. स.)। अपनी खूबसूरत वादियों के लिए देश के साथ दुनियाभर में पहचाने जाने वाले राजस्थान के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल स्टेशन माउंट आबू का आकर्षण इनदिनों यहां की प्रसिद्ध नक्की झील के पानी में जमा काई से उठती दुर्गंध और यत्र-तत्र बिखरे कूड़ा-करकट में खो रहा है। माउंट आबू में कुदरत की ओर से बिखेरे गए अनुपम सौंदर्य का लुत्फ उठाने के लिए यहां आने वाले सैलानी इनदिनों ऐसे ही हालात से नाक पर रूमाल रखने के लिए मजबूर हो रहे हैं। पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू के ह्रदयस्थल नक्की झील की साफ-सफाई का जिम्मा नगरपालिका के जिम्मे हैं, लेकिन शीत ऋतु का हवाला देकर पालिका प्रशासन अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रहा है। माउंट आबू में कुदरती सौन्दर्य का नजारा करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। अब हिल स्टेशन के आकर्षण का केंद्र नक्की लेक प्रदूषित हो रही है। नक्की लेक पर पर्यटकों की भारी भीड़ जमा होती है। पर्यटक यहां बोटिंग तक सही से नहीं कर पा रहे हैं। अपनी खूबसूरत वादियों के लिए पहचाने जाने वाले प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में अक्सर पर्यटकों की चहल पहल रहती है। हर साल यहां लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। माउंट आबू के आकर्षण के केंद्र नक्की लेक पर बोटिंग कर सुकून महसूस करते हैं, लेकिन अब नक्की लेक प्रदूषण का शिकार हो रही है। नक्की लेक के चारों तरफ पानी में भारी मात्रा में काई जमा हो गई है। साथ ही कूड़ा करकट भी जमा हो गया है। इसके चलते बोटिंग करने में भी पर्यटकों को परेशानी हो रही है। नक्की लेक में जमा पानी से दुर्गंध भी उठने लगी है। माउंट आबू घूमने आने वाले पर्यटक नक्की लेक में नौकायन करने के बाद फोटो जरूर खींचते हैं, लेकिन अब पर्यटक यहां खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं। नक्की लेक पर गंदगी और बदबू के कारण लेक पर निर्भर कार्मिक और व्यवसाय करने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नक्की लेक पर निर्भर फोटोग्राफरों का कहना है कि दुर्गंध के चलते उनके व्यवसाय पर भी खासा असर पड़ रहा है। पर्यटक लेक के किनारे थोड़ी देर भी खड़ा नहीं हो सकता, जिससे उनके रोजी रोजी रोटी पर भी संकट आ गया है। माउंट आबू में स्वयंसेवी संस्था कई बार लेक को साफ करती है, लेकिन इस बार नगर पालिका की उदासीनता कहें या लापरवाही, नक्की लेक की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नक्की लेक में मौजूद छोटे जीव (जैसे-मछलियां) भी प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं, उनके भी जीवन पर संकट खड़ा होने की संभावना है। माउंट आबू पालिकाध्यक्ष जीतू राणा ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि सर्दियों के मौसम में अक्सर नक्की झील के पानी में काई जमा होती है और इससे दुर्गंध उठती रहती है। सर्दी का मौसम खत्म होने के बाद पालिका नक्की की सफाई करवाएगी। वैसे, पालिका नक्की पर जमने वाली काई को हटाने के लिए ऑटोमैटिक नाव खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संंदीप-hindusthansamachar.in

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