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मानसून की घटाओं ने बांसवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़ को किया तरबतर, सूखी नदियां चली, तापमान गिरा

जयपुर, 19 जून (हि.स.)। राजस्थान में मानसून की दस्तक के साथ ही बारिश का दौर शुरू हो गया है। दक्षिणी राजस्थान के रास्ते आए मानसून के बादलों ने झालावाड़ को तरबतर कर दिया। बांसवाड़ा, राजसमंद और प्रतापगढ़ जिले के कुछ हिस्सों में मानसून की पहली बारिश में 3 इंच से ज्यादा पानी बरसा। पाली में तेज बारिश के बाद सूखी पड़ी बरसाती नदियां बहनी शुरू हो गईं। प्री मानसून के असर से जयपुर, जोधपुर और अजमेर संभाग के कई जिलों में बारिश हुई। मानसून की गतिविधियों के चलते राजस्थान के विभिन्न जिलों में तापमान गिरना शुरू हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार बीती रात बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौडग़ढ़, सिरोही, झालावाड़, राजसमंद, पाली सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में अच्छी बारिश हुई। बांसवाड़ा के दानपुर, प्रतापगढ़ पीपलाखुण्ड, धरियावाद, राजसमंद के देवगढ़, चित्तौडग़ढ़ के बीदासर, राश्मी, भीलवाड़ा के सहाड़ा में 50 मिमी से 84 मिमी के बीच बारिश हुई। पाली के बाली में 85 मिमी बारिश होने के बाद बिजोवा के निकट नदी बहने लगी। रानी की सुकड़ी नदी सुबह से तेज पानी बहना शुरू हो गया। इस नदी में पानी की आवक बढऩे से रपट के ऊपर होकर पानी गुजरने लगा। सिरोही के पिण्डवाड़ा, रेवदर, उदयपुर शहर, राजसमंद के भीम के अलावा दक्षिणी राजस्थान के कई स्थानों पर 20 से 40 मिमी के बीच बारिश हुई। मौसम विभाग ने 21 जून तक प्रदेश के अधिकांश जगहों पर बादल छाए रहने और कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के निदेशक आरएस शर्मा के अनुसार राज्य में जिस तरह की परिस्थितियां बनी हुई है, उसके अनुसार अगले दो सप्ताह तक पूरे प्रदेश में मानसून पहुंच सकता है। धरती से 3-4 किलोमीटर चलने वाली नम हवाओं की अच्छी गति होने के कारण इस बार मानसून थोड़ा जल्दी आया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगर ऐसे ही हवाओं की गति बनी रही तो मानसून जल्द ही राज्य के सभी जिलों में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएगा। मौसम विभाग के अनुसार इस बार प्री-मानसून में राज्य में सामान्य से 46 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। पूर्वी राजस्थान में इस बार प्री-मानसून में सामान्य से 6 फीसदी कम, जबकि पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 108 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। पूर्वी राजस्थान में प्री-मानसून में अमूमन 24.5 मिमी औसत बारिश होती है, जबकि इस बार 23 मिमी बारिश ही हुई, जबकि पश्चिमी राजस्थान में 16.4 मिमी की तुलना में 34.1 मिमी बारिश हुई। प्रदेश में मानसून की एंट्री होने के साथ ही गर्मी का असर कम होना शुरू हो गया। मानसून के असर से राजस्थान के सभी जिलों में पारा गिरना शुरू हो गया है। शनिवार को करौली और श्रीगंगानगर को छोडक़र राज्य के सभी मौसम केंद्रों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया। राजस्थान में शनिवार की दोपहर करौली में 40.5 डिग्री सेल्सियस और श्रीगंगानगर में 40.2 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा। अलवर में तो सामान्य से करीब साढ़े चार डिग्री सेल्सियस कम तापमान चल रहा है। इसके अलावा फलोदी में 4, ऐरनपुरा व पाली में 3.3, जैसलमेर में 3.5, जोधपुर में 3.1, भीलवाड़ा में तीन डिग्री सेल्सियस तक पारा गिर गया है। बीकानेर में भी 2.5 डिग्री पारा गिरा है। श्रीगंगानगर में पारा 1.6 डिग्री कम है, लेकिन इसके बाद भी 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा। पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं में मानसून का इंतजार अभी रहेगा। दक्षिण पश्चिमी मानसून की उत्तरी सीमा प्रदेश के बाड़मेर, भीलवाड़ा और धौलपुर जिले से गुजर रही है। शनिवार को राजधानी जयपुर और आसपास के क्षेत्रों में मेघ मेहरबान रहे। दोपहर बाद मौसम बदला और बरसात शुरू हो गई। राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों मानसरोवर, गोपालपुरा बाईपास,जेएलएन रोड आदि जगह बरसात हुई, जिससे मौसम में ठंडक घुल गई। मौसम विभाग ने रविवार को भी जयपुर सहित प्रदेश के 12 जिलों में बरसात का यलो अलर्ट दिया है। 20 जून को पूर्वी राजस्थान में कोटा, बारां, चित्तौडग़ढ़़, भीलवाड़ा, बूंदी, सवाई माधोपुर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली के साथ ही पश्चिमी राजस्थान में पाली और नागौर में कहीं कहीं पर मेघगर्जन और हल्की बरसात का यलो अलर्ट दिया गया है, जबकि 21 जून को पूर्वी राजस्थान में राजसमंद, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौडगढ़़, कोटा, बारां, झालावाड़, टोंक, उदयपुर और पश्चिमी राजस्थान के पाली, नागौर में कहीं कहीं पर मेघगर्जन और हल्की बरसात का यलो अलर्ट दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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