रक्षाबंधन सोमवार को: कोरोना का रहेगा साया
रक्षाबंधन सोमवार को: कोरोना का रहेगा साया

रक्षाबंधन सोमवार को: कोरोना का रहेगा साया

जोधपुर, 01 अगस्त (हि.स.)। रक्षाबंधन का पर्व सोमवार को परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा। बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेगी और भाई के रक्षा वचन के साथ उपहार देंगे। इस दिन सावन का अंतिम सोमवार भी है इसलिए इसकी मान्यता और अधिक बढ़ गई है। हालांकि अन्य त्यौहारों की तरह इस त्यौहार पर भी कोरोना का साया रहेगा। रक्षा बंधन का पर्व नजदीक आने के साथ ही बाजारों में राखियों की दुकानें सज गई है। डिजिटल राखी, पत्थर राखड़ी और न जाने कितनी तरह की राखियां दुकानों पर नजर आने लगी है। बच्चे मोटू पतलू, शिवा, टॉम एंड जैरी जैसी कार्टून वाली राखी खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे है। जोधपुर शहर के बाजार त्रिपोलिया, कटला बाजार, नई सडक़, घंटाघर, सरदारपुरा बी, सी रोड, रातानाडा, पावटा, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड, बासनी, बीजेएस और दूरदराज बसी कॉलोनियों में राखी बिक्री के लिए दुकानें सज गई ह़ै और बिक्री जोरों पर है। सडक़ किनारे टेबल लगा कर भी राखी बेची जा रही हैं। राखी खरीदने के साथ ही जहां बहनें कपड़े खरीदने में जुटी हैं, वहीं भाई भी बहनों को उपहार देने के लिये उपहारों की खरीद करने में लगे है। कपड़ों की दुकानों पर भी भीड़ पड़ रही है। हालांकि इस बार कोरोना के कारण इस बार इतनी भीड़ दिखाई नहीं दे रही है लेकिन लोगों में भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते वाले त्यौहार को लेकर उत्साह है। दिनभर बांधी जा सकती है राखी: रक्षाबंधन का यह त्यौहार सावन माह के पांचवे व अंतिम सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार भद्रा दोष भी नहीं रहने से दिनभर राखी बांधी जा सकती है। जोधपुर में सुबह से शाम तक बहनें भाई की कलाई पर प्यार का धागा बांधेंगी और हर तरफ खुशियों का माहौल नजर आएगा। बहनें भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर सुख-समृद्धि की कामना करेंगी। देशी राखियों की डिमांड : कोरोना संक्रमण और भारत के साथ चल रहे चीन के संबंधों को लेकर इसका असर अर्थ व्यवस्था पर पड़ता साफतौर पर देखा जा सकता है। देश भर में चाइनीज आइटमों का बहिष्कार चल रहा है। इस बार रक्षा बंधन पर भी इनका बहिष्कार हुआ है। दुकानों पर चायनीज राखियां नजर नहीं आ रही है। ऑनलाइन भी भारतीय राखियां खरीदी जा रही है। हाल ही में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों की हिंसक झड़प और भारत और चीन के बीच तनाव के कारण महिलाएं चाइनीज राखियों की जगह मेड इन इंडिया राखियों को अधिक पसंद कर रही हैं। भारत की ओर से चीन को एक बड़ा झटका लग सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in