कोरोना इम्पेक्टः सावन के पहले सोमवार बंद रहे प्रमुख शिवालयों के पट
कोरोना इम्पेक्टः सावन के पहले सोमवार बंद रहे प्रमुख शिवालयों के पट

कोरोना इम्पेक्टः सावन के पहले सोमवार बंद रहे प्रमुख शिवालयों के पट

जयपुर, 06 जुलाई (हि. स.)। कोरोना महामारी से आमजन को सुरक्षित रखने के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से किए गए फैसले के अनुरुप श्रावण के पहले सोमवार को शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना तो हुई, लेकिन पूजा-अर्चना में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति रही। शहरी क्षेत्रों के सभी मंदिर 31 जुलाई तक पूर्णरूपेण बंद हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के औसतन 50 श्रद्धालुओं की आवक वाले मंदिरों को नियम-शर्तों के साथ खोला गया हैं। ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों के शिव मंदिरों में श्रावण के पहले सोमवार को भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं को भी मास्क पहनकर शारीरिक दूरी के साथ मंदिरों में प्रवेश दिया गया। कोरोना महामारी के कारण एक माह तक शिवालयों में भोलेनाथ का अभिषेक सिर्फ पुजारी करेंगे। श्रद्धालुओं की अनुपस्थिति के कारण शिवालयों में घंटे-घडिय़ालों का शोरे थमा हुआ है तो कावड़ यात्रा और ओम नम: शिवाय-बम बम भोले के जयकारे भी खामोश है। सावन का महीना आते ही प्रदेश की सडक़ों पर कावड़ यात्रियों का काफिला उमड़ता हैं। साथ ही शिव मन्दिरों में जलाभिषेक आरंभ हो जाता हैं, लेकिन इस बार राज्य सरकार के निर्देशों के तहत कोरोना महामारी में न तो कावड़ यात्रा का शोर है और न ही भगवान शिव को भक्त मंदिरों में पहुंचकर रिझा पा रहे हैं। सावन में एक माह तक भक्ति के रंग में सराबोर नजर आने वाली छोटीकाशी की रंगत भी फीकी है। सावन के महीने में भक्तों से अटे रहने वाले छोटीकाशी के ताडक़ेश्वर महादेव, झारखंड महादेव, चमत्कारेश्वर महादेव, जंगलेश्वर महादेव, धूलेश्वर महादेव, प्रतापेश्वर महादेव मंदिर वीरान है। कुछ स्थानों पर भक्तों के लिए ऑनलाइन दर्शनों की व्यवस्था की गई हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर सभी शिवालयों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी है। तीर्थराज पुष्कर के नन्दा सरस्वती संगम स्थल नांद गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर भभूतेश्वर महादेव, नागौर जिले में जसनगर स्थित केकिन्द गांव का प्रतिहारकालीन शिवमंदिर, कोटा जिले में बाड़ौली के मंदिर, कंसुआ शिव मंदिर, भीम चंवरी, चारचैमा गांव में प्राचीन शिव मंदिर, चंदलोई नदी किनारे प्राचीन मठ का शिव मंदिर, बांसवाड़ा जिले में अरथूना के मंदिर समेत पाली व राजसमंद की सरहद पर आबाद परशुराम महादेव मंदिर में श्रावण के पहले सोमवार को न तो ओम नम: शिवाय-बम बम भोले व हर-हर महादेव के जयकारों की गूंज सुनाई दी और न ही मंदिरों के बाहर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें लगी। इस दौरान भगवान शिव के गलताजी सहित अन्य पवित्र नदियों से अपने कांवड़ में जल भरकर देवालय पहुंचकर शिवलिंग का अभिषेक कर आराधना करने वाले श्रद्धालुओं के अरमान पूरे नहीं हो सके। शिवालयों में सहस्त्रघट के आयोजन स्थगित कर दिए गए हैं। हिंदू धर्म के पावन माह सावन की शुरुआत सोमवार से हुई और इसका समापन 3 अगस्त को सोमवार के दिन रक्षाबंधन पर्व के साथ होगा। इस माह 5 सोमवार के साथ ही कई विशेष संयोग भी बन रहे हैं। इस बार सावन महीने में 11 सर्वार्थसिद्धि, 3 अमृतसिद्धि और 12 दिन रवियोग है। श्रावण महीने में सोमवार 6, 13, 20, 27 जुलाई और 3 अगस्त को हैं। 20 जुलाई को सोमवती और हरियाली अमावस्या है। 3 अगस्त को रक्षाबंधन है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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