Mock drill of more than two and a half thousand front warriors at 102 centers in 33 districts in Rajasthan
Mock drill of more than two and a half thousand front warriors at 102 centers in 33 districts in Rajasthan

राजस्थान में 33 जिलों के 102 सेंटर्स पर ढाई हजार से अधिक फ्रंट वारियर्स का मॉक ड्रिल

जयपुर, 08 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वैक्सीनेशन का द्वितीय ड्राई रन (मॉक ड्रिल) सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। सभी जिलों के कुल 102 वैक्सीन सेंटर्स स्थापित कर कुल 2 हजार 550 स्वास्थ्यकार्मिकों कोविड-19 वैक्सीन का मॉक ड्रिल हुआ। इस दौरान कोविड-19 वैक्सीनेशन के पश्चात लाभार्थियों को हो सकने वाले संभावित सामान्य प्रतिकूल प्रभावों एवं आवष्यक कोविड प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि यह कोरोना वैक्सीनेशन का द्वितीय ड्राई रन है। इससे पूर्व प्रदेश में 2 जनवरी को 7 जिलों के 18 सेंटर्स पर 424 कोरोना वारियर्स के लिए मॉक ड्रिल आयोजित किया गया था। दोनों ड्राई रन के दौरान पूरी सावधानी और वैज्ञानिक प्रोटोकॉल की पालना के साथ टीकाकरण प्रबंधन किया गया है। डॉ. शर्मा ने बताया कि ड्राई रन के लिए प्रत्येक जिले में वैक्सीन सेंटर की तीन श्रेणियां बनाकर टीकाकरण का मॉक ड्रिल किया गया है। प्रथम श्रेणी में मेडिकल कॉलेज व जिला चिकित्सालय, द्वितीय श्रेणी में सीएचसी, पीएचसी व अरबन डिस्पेंसरी तथा तृतीय श्रेणी में निजी चिकित्सा संस्थानों पर कुल 102 वैक्सीन सेंटर बनाए गए। इन प्रत्येक वैक्सीन सेंटर पर कुल 25 वैक्सीनेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया। चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने जयपुर के वैक्सीन सेंटर्स पर जाकर ड्राई रन गतिविधियों की निरीक्षण किया एवं सभी जिलों में जिला कलक्टर के नेतृत्व में संयुक्त निदेशक चिकित्सा, सीएमएचओ, आरसीएचओ और अन्य जिला अधिकारियों ने कोविड-109 वैक्सीनेशन गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि ड्राई रन में सबसे पहले लाभार्थी के लिए टीकाकरण कक्ष व निगरानी कक्ष का मॉडल तैयार कर कोविड वैक्सीन लगाने का रिहर्सल किया गया। इस दौरान लाभार्थी के पहचान दस्तावेजों का वैक्सीनेशन आफिसर द्वारा सत्यापन कर प्रवेश दिया गया। मोबाइल में कोविन सॉफ्टवेयर पर लाभार्थी को प्रमाणित कर वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण कक्ष में भेजा गया, जहां वैक्सीनेटर ऑफिसर द्वारा टीकाकरण की प्रक्रिया (डेमो) को पूर्ण किया गया और कोविन सॉफ्टवेयर में लाभार्थी के टीके लगाने की एन्ट्री की गई। उन्होंने बताया कि लाभार्थी को 30 मिनिट के लिए निगरानी कक्ष में वैक्सीनेशन ऑफिसर द्वारा निगरानी में रखा गया। इस ड्राई रन की प्रक्रिया के दौरान एक लाभार्थी को टीका लगाने में लगने वाले समय एवं कोविन सॉफ्टवेयर में एन्ट्री करने में लगे समय का आकलन व सॉफ्टवेयर के संचालन की प्रक्रिया को जांचा गया। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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