medical-team-left-for-barabanki-free-medical-camp
medical-team-left-for-barabanki-free-medical-camp

बाराबंकी निःशुल्क चिकित्सा शिविर के लिए रवाना हुआ चिकित्सा दल

उदयपुर, 11 फरवरी (हि.स.)। उत्तरप्रदेश के बाराबंकी के हंडियाकोल जंगल स्थित श्रीराम वन कुटीर आश्रम में आयोजित होने वाले 39वें निशुल्क चिकित्सा शिविर के लिए सेवार्थियों चिकित्सा दल गुरुवार को बी.एन.कॉलेज प्रांगण से रवाना हुआ। चिकित्सा दल को आरएनटी प्राचार्य डॉ. लाखन पोसवाल, बीएन संस्थान के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंघोली, तेजसिंह बांसी ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। नाथद्वारा में मंदिर मडल के अधिकारी सुधाकर शास्त्री ने इस चिकित्सा दल का उपरना ओढ़ाकर सम्मान किया और प्रसाद भेंट कर सेवार्थ के लिए रवाना किया। सभी अतिथियों ने सेवा की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए दल के सभी चिकित्सकों को शुभकामनाएं दी और शिविर के सफल बनाने के लिए सभी को समन्वित प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। शिविर प्रभारी एवं अनन्ता हॉस्पीटल के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष (मेडिसन) डॉ. जे.के.छापरवाल ने बताया कि यह निःशुल्क शल्य चिकित्सा शिविर अनवरत विगत 38 वर्षों से स्वामी श्री रामदास जी के पावन स्मृति एवं संत श्री रामज्ञानदास महाराज की प्रेरणा से चल रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल की वजह से सेवा का यह क्रम नहीं टूटे और आने वाले रोगियों को विभिन्न चिकित्सकीय सुविधाओं का लाभ व स्वास्थ्य परामर्श मिलता रहे इसके लिए यह शिविर आयोजित किया जा रहा है। विभिन्न रोगों से मिलेगी निजात इस शिविर में मोतियाबिंद, हाइड्रोसिल, हर्निया, बवासीर आदि रोगो का शल्य चिकित्सा पद्धति से स्थायी निदान किया जाता है। इस शिविर में विभिन्न विशेषज्ञ, चिकित्सक डॉ. एस.के. सामर, डॉ जे.एल. कुमावत, डॉ. एल.एल.सेन, डॉ. शरद नलवाया सहित नर्सिंग स्टाफ, वैद्य, तकनीशियन सहित वार्ड बॉय, आया व समाजसेवी निःशुल्क सेवार्थ जाएंगे वहीं इनके अतिरिक्त कोलकाता, अहमदाबाद, भिवानी, दिल्ली, जयपुर, लखनऊ व हरियाणा के चिकित्सक भी इस शिविर में भाग लेंगे। इस आश्रम में पश्चिमी उत्तरप्रदेश के बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, पीलीभीत, फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, अमेठी, रायबरेली व समीपवर्ती राज्य बिहार के विभिन्न जिलों सहित 500 किमी परिधि क्षेत्र से रोगी उपचार के लिए आते है। जरूरतमंदों को मिलता है संबल उन्होंने बताया कि इस शिविर में उन सभी जरूरतमंद लोगों का उपचार किया जाता है जो उपचार करा पाने एवं चिकित्सालयों में जाने में असमर्थ होते है। ऐसे रोगी वर्षभर इस शिविर का इंतजार करते है। ऐसे में ये चिकित्सक इसे पुण्य कार्य मानते हुए निशुल्क चिकित्सकीय सुविधाएं व उपचार मुहैया कराते है। हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in