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कागजों में अटका झुंझुनू का मेडिकल कॉलेज

झुंझुनू,09 फरवरी।(हि.स.) सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण झुंझुनू जिले में मेडिकल कॉलेज बनने का सपना समय पर साकार नहीं हो पा रहा है। केन्द्र सरकार द्धारा 75 करोड़ रुपये भेजने के बावजूद सरकारी मशीनरी इसके शिलान्यास का मुहूर्त तक नहीं निकाल पा रही है। नए साल का दूसरा माह गुजर रहा है लेकिन कार्य की रफ्तार नहीं बढ़ रही है। जिले में मेडिकल कॉलेज के लिए चल रही प्रक्रिया आए दिन धीमी होती जा रही है। जिसके तहत नई साल में भी कॉलेज का शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। झुंझुनू शहर के नजदीक समसपुर गांव में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के लिए प्रस्तावित जगह से अतिक्रमण हटाकर बिजली लाइनें शिफ्ट करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके अलावा लगातार इंजीनियर्स की टीमें निरीक्षण कर मॉडल तैयार करने में जुटी हुई है, लेकिन कार्य की रफ्तार धीमी है। समसपुर गांव के पास जगह पर आठ हैक्टेयर में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन का सीमांकन कर पत्थरगढ़ी करवाई जा चुकी है। वहीं जमीन पर बने टयूबवैल व बिजली लाइनों की शिफ्टिंग का काम जल्द ही पूरा होगा। कॉलेज निर्माण पर 320 करोड़ रूपये खर्च होगें जिनमें से 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार देगी बाकी राशि राज्य सरकार को खर्च करनी होगी। निर्माण् कर्य के लिये अग्रिम राशि के लिए केंद्र सरकार की ओर से 75 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। जबकि राज्य सरकार की तरफ से हिस्सा राशि जारी नहीं की गई है। इसके अलावा बीडीके अस्पताल मेडिकल अस्पताल होगा। अस्पताल को तीन सौ बेड का कर दिया गया है। झुंझुनू के सांसद नरेन्द्र कुमार खीचड़ का कहना है केन्द्र सरकार अपने हिस्से की राशि भेज चुकी। अब जल्द ही राज्य सरकार को इसका शिलान्यास करवाना चाहिए। जिससे जिले के लागों को जल्दी ही लाभ मिलना प्रारम्भ हो। हिन्दुस्थान समाचार / रमेश/संदीप-hindusthansamachar.in

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