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कांग्रेस में सुजानगढ़ से मनोज, सहाड़ा से गायत्री त्रिवेदी और राजसमंद से तनसुख उम्मीदवार

जयपुर, 27 मार्च (हि. स.)। राजस्थान में तीन सीटों पर उपचुनाव के लिए शनिवार को कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने उपचुनाव में ऐसे चेहरे उतारे हैं जो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। सुजानगढ़ से मनोज मेघवाल, सहाड़ा से गायत्री त्रिवेदी और राजसमंद से तनसुख बोहरा को मौका दिया गया गया है। मनोज मेघवाल दिवंगत पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल के पुत्र हैं। सहाड़ा से उम्मीदवार बनाई गई गायत्री देवी दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी हैं। वहीं, राजसमंद से तनसुख बोहरा के रूप में नए चेहरे को मौका दिया गया है। कांग्रेस ने सुजानगढ़ और सहाड़ा में दिवंगत विधायकों के परिवारों को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड खेला है। कांग्रेस ने हाल ही में लंबे मंथन के बाद सिंगल नामों का पैनल हाईकमान को भेजा था। कांग्रेस के तीनों ही उम्मीदवार पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। गायत्री त्रिवेदी पहले पंचायती चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन इन दिनों सक्रिय कम रही हैं। तनसुख बोहरा खान कारोबारी हैं, पहले कभी चुनाव नहीं लड़े हैं। मनोज मेघवाल भी पहली बार ही चुनाव मैदान में है। तीनों ही सीटों पर कांग्रेस ने नए चेहरों को मैदान में उतारा है। यह अलग बात है कि सहाड़ा और सुजानगढ़ में परिवार की सियासत पर ही दांव खेला गया है। सुजानगढ़ सीट पर मनोज मेघवाल को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस ने सहानुभूति कार्ड खेलने के साथ ही मास्टर भंवरलाल की विरासत को आगे बढ़ाने का कदम उठाया है। मनोज मेघवाल का मुकाबला यहां भाजपा उम्मीदवार और पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल से है। मनोज मेघवाल नया चेहरा हैं। अपने पिता के मुकाबले सॉफ्ट माने जाते हैं, लेकिन राजनीति में नए हैं। पहली बार पिता के बिना सियासी मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस को यहां भीतरघात का खतरा भी है। भाजपा के खेमाराम के सामने भी भाजपा की खेमेबंदी बड़ी चुनौती है। सहाड़ा सीट पर कांग्रेस में त्रिवेदी परिवार से टिकट तय माना जा रहा था। दिवंगत कैलाश त्रिवेदी की पत्नी को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड चलाया गया है। टिकट दावेदारी को लेकर त्रिवेदी परिवार ही एकजुट नहीं था। कैलाश त्रिवेदी के भाई राजेंद्र त्रिवेदी भी टिकट मांग रहे थे। वहीं, कैलाश त्रिवेदी के बेटे चाचा के नाम पर तैयार नहीं थे और वे अपनी मां को टिकट देने का दबाव बना रहे थे। आखिरकार लंबे मंथन और जद्दोजहद के बाद यह तय हुआ कि भाई की जगह दिवंगत विधायक की पत्नी को टिकट देने से सहानुभूति ज्यादा मिल सकती है। इसलिए गायत्री देवी को टिकट दिया है। सहाड़ा में भाजपा ने पूर्व मंत्री रतनलाल जाट को टिकट दिया है। इस सीट पर कड़ा मुकाबला तय है। भाजपा का यहां मजबूत कैडर है। रतनलाल जाट भी आखिरी चुनाव होने का इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। राजसमंद में कांग्रेस ने तनसुख बोहरा के रूप में नए चेहरे को मैदान में उतारा है। तनुसख बोहरा बड़े खान कारोबारी हैं। वैश्य समाज के वोटों के अलावा राजसमंद इलाके के खनन कारोबारियों और मजदूरों के वोटों पर भी बोहरा की पकड़ मानी जाती है। बोहरा का मुकाबला यहां भाजपा की दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी से है। दोनों पार्टियों के उम्मीदवार वैश्य वर्ग से हैं। इसलिए जातीय समीकरण का पैटर्न यहां अलग तरह का होगा। बोहरा के सामने बड़ी चुनौती कांग्रेस के धड़ों को एकजुट कर भीतरघात रोकने की होगी। पहली बार चुनाव लडऩे के कारण सियासी दांवपेच और भाजपा के बूथ मैनेजमेंट का भी मुकाबला करना प्रमुख चुनौती होगा। उधर, भाजपा उम्मीदवार के सामने भी खेमेबंदी की चुनौती है। भाजपा ने भी राजसमंद से दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी को उम्मीदवार बनाया है। दीप्ति के रूप में भाजपा ने नए चेहरे को मौका दिया है। सहाड़ा सीट से पूर्व विधायक और बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रतनलाल जाट को उम्मीदवार बनाया गया है। रतनलाल पुराने नेता हैं और स्थानीय कार्यकर्ताओं में उनकी पकड़ मानी जाती है। सहाड़ा में भाजपा ने पहले से ही जाट उम्मीदवार उतारने का फैसला कर लिया था। सुजानगढ़ से पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल को उम्मीदवार बनाया है, खेमाराम मेघवाल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। तीन में से दो उम्मीदवार वसुंधरा राजे के साथ काम कर चुके हैं। खेमाराम मेघवाल वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में खान मंत्री थे, जबकि डॉ. रतनलाल जाट उस वक्त बीज निगम के अध्यक्ष थे। राजसमंद से उम्मीदवार बनाई गई दीप्ति माहेश्वरी की मां किरण माहेश्वरी राजे की कैबिनेट में मंत्री रही थीं। भाजपा ने उम्मीदवार चयन में मिक्स अप्रोच दिखाई है। राजसमंद में दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की पुत्री को मैदान में उतारकर सहानुभूति कार्ड खेला है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के खेमे को राजी करना चुनौती होगा। सुजानगढ़ और सहाड़ा में उम्मीदवार बनाए गए दोनों उम्मीदवार पहले विधायक और मंत्री रह चुके हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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