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जिलावार मेरिट बनाना गलत, राज्यवार मेरिट लिस्ट बनाकर जारी करें परिणाम: हाईकोर्ट

जयपुर, 24 फरवरी(हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती के साढ़े पांच हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्त के मामले में जिलावार मेरिट बनाने को गलत माना है। साथ ही राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह कांस्टेबल भर्ती की राज्यवार मेरिट लिस्ट बनाकर परिणाम जारी करें। अदालत ने कहा कि भले ही योग्य अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा जिलावार आयोजित करें लेेकिन मेरिट राज्यवार ही बनाई जाए। जस्टिस एसपी शर्मा ने यह आदेश जहीर अहमद की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया। इस मामले में राज्य सरकार ने भी जिलावार परिणाम पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया था। वहीं बहस के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा कि कांस्टेबल भर्ती करने का अधिकार डीजीपी के पास सुरक्षित है और नियमों के अनुसार ही परीक्षा व भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। इसलिए भर्ती का परिणाम जारी करने की मंजूरी दी जाए। अदालत ने इस मामले में 8 जनवरी को लिखित परीक्षा का जिलेवार परिणाम जारी करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। वहीं बाद में पक्षकारों की बहस पूरी होने के बाद दस फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह है मामला: अधिवक्ता अजाज नबी ने बताया कि कांस्टेबल भर्ती 2019 को जहीर अहमद ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि भर्ती विज्ञापन व परीक्षा एक ही है, लेकिन उसकी मेरिट अलग-अलग जिलेवार बनाई जा रही है जो गलत है। जबकि नियमानुसार भर्ती परीक्षा का परिणाम राज्य स्तर पर बनाया जाना चाहिए था। लेकिन अब भर्ती का परिणाम जिलेवार जारी किया जा रहा है। याचिका में कहा कि जब सभी जिलों में एक भर्ती विज्ञापन से भर्तियां हो रही हैं तो प्रदेश स्तर पर भी एक ही परिणाम निकाल कर एक ही कट ऑफ जारी करनी चाहिए। ऐसे में हर जिले में अलग-अलग परिणाम जारी करने से अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव होगा। इसलिए कांस्टेबल भर्ती की राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट बनाई जाकर ही परिणाम जारी किया जाए। हिन्दुस्थान समाचार/पारीक/संदीप

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