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बीकानेर में लालवर्दी रेलवे कुली यूनियन ने निजीकरण के विरोध में किया प्रदर्शन

बीकानेर, 09 फरवरी (हि.स.)। रेलवे निजीकरण के विरोध में मंगलवार को लालवर्दी रेलवे कुली यूनियन के बैनर तले बीकानेर रेलवे स्टेशन के बाहर भारतीय राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फैडरेशन [इंटक] के उपाध्यक्ष हेमंत किराडू के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। किराडू ने कहा कि ऑल इंडिया के कुली सभी का बोझ उठाते हैं तब कहीं जाकर दो जून की रोटी का अपने परिवार के लिए साधन कर पाते हैं। पूर्व रेल मंत्री रामविलास पासवान ने इन कुली को स्थायी रेल में नौकरी दी और वर्तमान में कोरोनाकाल में निजीकरण और ठेका प्रथा होने की मंशा के मद्देनजर इनकी रोजी-रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उन्होंने बताया कि तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी वर्ष 2008 में समस्त कुलियों को गैंगमेन में समायोजित किया था। उसके बाद भारत के समस्त स्टेशन पर रेलवे द्वारा कुलियों की नई नियुक्ति की गयी थी। उसके बाद आज तक कुलियों को ग्रुप (डी) की नौकरी नहीं मिली जिसकी मांग समस्त भारत के कुली पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं। किराडू ने बताया कि वर्तमान में 70 प्रतिशत कुली बीए, एमए है। उन्होंन कुली श्रमिकों को आश्वस्त किया कि उनकी मांग रेलमंत्री पीयूष गोयल के साथ-साथ सैंट्रल ट्रेड यूनियन में भी उठाएंगे। यूनियन के मंडल अध्यक्ष जाकिर हुसैन ने बताया कि रेलवे मेें अधिकांश कार्य निजीकरण में हो रहा है जिसके चलते भारतीय रेलवे ने एक स्कीम के तहत यात्रा का सामान घर से उठाने से लेकर ट्रेन तक पहुंचाने का कार्य भी निजीकरण को सौंप रहा है जिससे भारत के समस्त कुली बेरोजगार हो जाएंगे। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप-hindusthansamachar.in

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