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सम्मान, वीरता और बलिदान की गाथा पर आधारित कोणार्क कोर ने मनाया 34 वां 'राईजिंग डे'

जयपुर, 26 फरवरी (हि.स.)। वर्षों से प्रदर्शित सम्मान, वीरता और बलिदान की शानदार गाथा पर आधारित भारतीय सेना की कोणार्क कोर ने शुक्रवार को अपना 34 वां स्थापना दिवस मनाया। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर मेजर जनरल अमित लूम्बा, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय 12 कोर ने एक सम्मान समारोह मेें कोणार्क वार मेमोरियल, जोधपुर सैन्य स्टेशन पर माल्यार्पण किया। यह सम्मान समारोह उन शहीदों की श्रद्धेय स्मृति में आयोजित किया गया, जिन्होंने विभिन्न लड़ाईयों में हमारे महान राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया। 34 साल पहले महाशिवरात्रि के शुभ दिन, भारतीय सेना के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय जोड़ा गया था, जब राजस्थान और गुजरात से लगी हुई देश की सीमाओं की रक्षा के लिए डेजर्ट कोर अस्तित्व में आया। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के कारण, जोधपुर को मुख्यालय के रुप में चुना गया। कोर ने कोणार्क को अपने प्रतीक के रुप में अपनाया जो सूर्य की किरणों के चहुंओर प्रकाश के उत्सर्जन का प्रतीक है। यह प्रतीक पुरी के कोणार्क सूर्य मंदिर से पे्ररणा प्राप्त करता है जिससे इसका सूर्यनगरी के साथ एक आध्यात्मिक सम्बन्ध स्थापित होता है। जैसा कि भारतीय सेना नवीनतम वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से उबरने के लिए खुद को तैयार रखती है, कोणार्क कोर हमेशा सूक्ष्म व्यावसायिकता, निरंतर मेहनत और समर्पण के माध्यम से अपनी परिचालन तत्परता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ ईश्वर

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