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शक्करगढ़ के पूर्व सरपंच किशोर शर्मा अब जम्मू कश्मीर के सरपंचों को देगें प्रशिक्षण

- लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला के बुलावे पर 11 मई को श्रीनगर में देगें प्रशिक्षण भीलवाड़ा, 21 अप्रैल (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर पंचायत समिति के शक्करगढ़ ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच किशोर शर्मा अब जम्मू कश्मीर के सरपंचों व पंचायत राज प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देगें। उनका श्रीनगर में 11 मई 2021 को कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम का आयोजन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के निर्देश पर जम्मू कश्मीर के सरपंचों को प्रशिक्षण देने के लिए किया गया है। जम्मू कश्मीर के 40 सरपंच पूर्व में भी राजस्थान आकर भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके है। हम आपको बता दें कि अभी हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शक्करगढ़ के पूर्व सरपंच किशोर शर्मा से जल संरक्षण विषय पर सात मिनट तक वार्ता की थी। लोकसभा सचिवालय की निदेशक सीमा कौल सिंह द्वारा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा चयनित किये गये शक्करगढ़ के पूर्व सरपंच किशोर शर्मा को भेजे गये पत्र में उनको 11 मई 2021 को श्रीनगर में प्रातः 11 बजे प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह आयोजन पार्लियामेंटरी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसी (पीआरआईडीई), लोकसभा सचिवालय की ओर से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सरपंचों के लिए आयोजित होगा। 11 मई को होने वाले कार्यक्रम में पूर्व सरपंच किशोर शर्मा को ग्रामीण विकास में पंचायत राज से सशक्त नेतृत्व, सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास एवं महिला सशक्तिकरण विषय पर प्रशिक्षण देना है। शक्करगढ़ के पूर्व सरपंच किशोर शर्मा 26 वर्षो से पंचायत राज संस्थाओं में विभिन्न पदों पर निर्वाचित हो चुके है। वर्तमान में उनकी पत्नी पंचायत समिति सदस्य है। किशोर शर्मा ने अपनी पंचायत को पंचायत राज योजनाओं के अलावा जल संरक्षण सहित कई योजनाओं में उत्कृष्ट कार्य के आधार पर ग्रामीण विकास में अपनी भागीदारी निभायी है। पूर्व सरपंच किशोर शर्मा ने कहा है कि जम्मू कश्मीर मे धारा 370 हटने के बाद वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना हुई है। जम्मू कश्मीर के लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिनिधियों के योगदान से विकास का लाभ समाज में निचले स्तर तक जाएगा। अब जम्मू कश्मीर राज्य में राजनीतिक स्वंत्रता, समानता और न्याय की स्थापना में मदद मिलेगी। इसके पूर्व 370 धारा लगने के कारण जम्मू-कश्मीर की जनता विकास के लाभ से वंचित थी। जम्मू-कश्मीर में पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव होने के बाद जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही जनता के प्रति बढ़ गई है। प्रशिक्षण का लाभ जम्मू-कश्मीर की जनता को अवश्य मिलेगा। इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर राज्य में राजनीतिक स्वतंत्रता, समानता और न्याय की स्थापना में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षणों से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला व भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महात्वाकांक्षी योजना का वास्तविक क्रियान्वयन होगा। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को ऐसी कार्ययोजना बनानी चाहिए कि सरकार की जनकल्याण कारी योजनाओं का सीधा लाभ आम लोगों तक पहुंच सके। हिन्दुस्थान समाचार/मूलचन्द पेसवानी/संदीप

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