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पचास लोगों के समूह में होलिका दहन हो सकेगा, पर धुलण्डी के दिन शाम तक करना पड़ेगा इंतजार

जयपुर, 27 मार्च (हि. स.)। राज्य सरकार ने बहुसंख्यक समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए 28 और 29 मार्च को शाम 4 से रात 10 बजे तक सार्वजनिक कार्यक्रम करने की अनुमति दी है। इस अनुमति के कारण अब 28 मार्च को इस समय में अधिकतम पचास लोगों के समूह में होलिका दहन किया जा सकेगा, लेकिन अगले दिन धुलण्डी के मौके पर रंग खेलने के लिए प्रदेशवासियों को घड़ी में शाम की 4 बजने का इंतजार करना पड़ेगा। राजस्थान में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए होली पर गहलोत सरकार ने पूर्व में सार्वजनिक कार्यक्रमों पर पूरी तरह रोक लगा दी थी, लेकिन बहुसंख्यक समाज की भावनाओं को देखते हुए सख्ती के आदेशों में आंशिक संशोधन किया गया। गृह विभाग ने दो दिन पहले होली और शब-ए-बारात पर सार्वजनिक कार्यक्रम पर पूरी तरह लगाई रोक को सशर्त हटाते हुए शुक्रवार को संशोधित आदेश जारी किया। इसमें 28 और 29 मार्च को शाम 4 से रात 10 बजे तक सार्वजनिक कार्यक्रम करने की अनुमति दी गई है। शर्त यह है कि उन कार्यक्रमों में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। यह अनुमति रंग खेलने के शौकीनों के काम की नहीं है। क्योंकि, होली में रंग खेलने का प्रचलन दोपहर तक ही है। राज्य सरकार ने भले ही ये छूट दे दी हो, लेकिन लोग होली का मजा नहीं उठा सकेंगे। क्योंकि, अक्सर लोग होली का पर्व सुबह 9 से दोपहर 2-3 बजे तक मनाते हैं। इस दौरान लोग समूह में कार्यक्रम आयोजित करते हैं और रंगों से होली खेलते हैं। सख्ती के कारण इस बार धुलण्डी के दिन सामूहिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सकेंगे। इससे पहले 24 मार्च को गृह विभाग ने आदेश जारी कर इन दो दिनों में सभी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी थी। इस रोक के पीछे सबसे बड़ा कारण कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को माना गया। प्रदेश में बीते कुछ दिनों से कोरोना केसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बढ़ते कोरोना केस की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने जयपुर समेत 8 शहरों में नाइट कफ्र्यू लगाया था। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना भी अनिवार्य किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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