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बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की हुई सुनवाई: बच्चों को छोड़ कर महिला ने प्रेमी के साथ रहने की इच्छा जताई

जोधपुर, 01 मार्च (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट में आज बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए एक महिला को नारी निके तन भिजवा दिया। अब इस मामले में दस मार्च को फिर से सुनवाई होगी। महिला के पति ने बच्चों को सुपुर्द करने की गुहार भी कोर्ट से लगाई है। राजस्थान उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए संंगीत लोढ़ा ने आदेश दिए। भरी अदालत में महिला के पति ने बच्चों को उसे सुपुर्द करने की गुहार लगाई। बाद में महिला को नारी निकेतन भेजने के आदेश जारी किए गए। कोर्ट व अधिवक्ताओं की समझाइश बाद भी नहीं माने माता-पिता। इस पर कोर्ट ने बच्चों की मां को भेजा नारी निकेतन भिजवाने का आदेश पारित किया। महिला 20 दिन पहले अपने तीन छोटे बच्चों को छोड़ प्रेमी के साथ प्रतापनगर क्षेत्र से फरार हुई थी। महिला के पति ने इस संबंध में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पेश की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सायरा बानो व संपत प्रजापत ने अपना पक्षा रखा। सरकार की ओर से एएजी फरजंद अली ने पक्ष रखा। कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों के लिए प्रोविजन देखना पड़ेगा कि बच्चों का क्या होगा। इस बारे में अब 10 मार्च को सुनवाई रखी गई है। हिन्दुस्थान समाचार/सतीश / ईश्वर

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