ठेकेदारों के चंगुल से मुक्त होगी ग्राम पंचायते
ठेकेदारों के चंगुल से मुक्त होगी ग्राम पंचायते

ठेकेदारों के चंगुल से मुक्त होगी ग्राम पंचायते

झुंझुनू, 14 जून (हि.स.)। ग्राम पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता लाने तथा सामग्री खरीद में सरपंच, सचिवों की मनमानी रोकने के लिये सरकार ने 10 साल पूर्व सामग्री खरीदने के ओपन टेंडर की प्रक्रिया शुरू की थी। परन्तु इस प्रक्रिया को आड़ में ठेकेदार ही सरपंच व सचिवों पर हावी हो गये। पंचायतीराज नियम 181 ब तथा स के तहत ग्राम पंचायतो को साल भर निर्माण कार्यों को करवाने के लिये खुली निविदा से सामग्री खरीदनी होती हैं। पंजीकृत फर्मे कम दरों पर टेंडर छुड़वा लेते हैं। आवश्यक्ता पड़ने पर ठेकेदारों द्धारा सामग्री उपलब्ध नही करवाये जाने पर सरपंच अपने संसाधनों से सामग्री जुटाकर काम समय पर पूरा करवाते हैं। परन्तु बिल अधिकृत फर्म का ही लेना पड़ता है, तथा भुगतान राशि भी इन ठेकेदारों के खातों में जाती है। पंचायत को बिल देने तथा भुगतान वापिस सरपंच को देने की प्रक्रिया में सामग्री ठेकेदार जी एस टी के नाम पर पंचायतों से 20 से 30 प्रतिशत तक कमीशन लेते हैं। जिस कारण कामों की गुणवत्ता से समझौता करना पड़ता है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि पंचायतीराज नियम 181 में पूरे काम को ही ठेके पर दिया जा सकता है। उन्होने पंचायतीराज संस्थाओं के सभी अधिकारियों को कहा है कि सामग्री खरीदने के बजाय सम्पूर्ण काम को ही ठेके पर देने को प्राथमिकता देनी चाहिये। यह कार्यवाही अंगीकार कर लेने पर सरपंच, सचिव सामग्री खरीदने के झंझट से मुक्त हो जाएंगे तथा काम पूर्ण करने की समस्त जिम्मेदारी ठेकेदार की हो जायेगी। ठेकेदार यदि निर्धारित अवधि में काम पूरा नही करवाते हैं, या काम की गुणवत्ता कमजोर मिलती है, तो सरपंच, सचिव या विकास अधिकारी ऐसे ठेकेदारों पर पेनल्टी लगा सकेंगे तथा अंतिम भुगतान में कटौती कर सकेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / रमेश सर्राफ / ईश्वर-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in