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राज्यपाल कलराज मिश्र ने जताया समाजसेवी, गौसेवक पदमाराम के निधन पर शोक

जयपुर, 02 फरवरी (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को समाजसेवी, गौसेवक पदमाराम कुलरिया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने स्व. कुलरिया के देवलोकगमन पर उनके परिवार द्वारा गौशाला में एक करोड़ की राशि देने की सराहना करते हुए उनकी स्मृति को वंदन किया है। मिश्र ने कहा कि गौसेवा ईश्वर की आराधना है। उन्होंने ईश्वर से गौसेवक संत पदमाराम कुलरिया की पुण्यात्मा को शांति प्रदान करने और उनके शोकाकुल परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है। उल्लेखनीय है कि कुलरिया का निधन रविवार को हुआ और सोमवार को जिले के नोखा कस्बे के मूलवास गांव में उनकी पार्थिव देह को पंचतत्व में विलीन किया गया था। उनके निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शोक संदेश भेजा। समाज और गायों की सेवा, पर्यावरण बचाने के लिए तन-मन-धन से समर्पित रहे संत कुलरिया गृहस्थी होते हुए भी गौसेवी संत पदमाराम कुलरिया समाज और गायों की सेवा तथा पर्यावरण को बचाने के लिए तन-मन-धन से समर्पित रहे। इसलिए संत कहलाए। संत का कहना था कि वेद परम्परा अनुसार चलने, गौ माता की सेवा करने, देवताओं का पूजन और संतों की सेवा से ही भगवान राम की कृपा मिलती है। गौसेवा के प्रति उनका विशेष सहयोग रहता था। हजारों ट्रोलियां चारा तथा करोड़ों रुपये का आर्थिक सहयोग कर गौशालाओं में सेवा कार्य संत कुलरिया द्वारा निरंतर जारी रहता था। गौशालाओं मेें चारे की कमी न रहे, संसाधनों की उपलब्धता रहे तथा गायों की चिकित्सा की भी पूर्ण व्यवस्था बरकरार रहे ऐसा ही कार्य वे करते थे। खासतौर पर कोरोनाकाल में जरुरतमंदों के लिए कुलरिया परिवार द्वारा की गयी सेवाएं देश में मिसाल के रुप में कायम है। प्राणी मात्र की सेवा के ध्येय पर अग्रसर रहते हुए जरुरतमंदों की मदद के लिए संत कुलरिया हमेशा तत्पर रहे। मानव सेवा को प्रभु की सेवा समझते थे। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप-hindusthansamachar.in

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