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आवंटन शर्तों के उल्लंघन पर स्टॉक एक्सचेंज को रियायती दर पर दी जमीन पर किया सरकारी कब्जा

जयपुर, 16 जून (हि.स.)। वर्ष 1992 में जयपुर स्टॉक एक्सचेंज को रियायती दर पर दी गई 12 हजार 460 वर्गमीटर जमीन पर जयपुर डवलपमेंट अथॉरिटी (जेडीए) ने सरकारी कब्जा कर लिया। आरोप है कि आवंटन शर्तों का उल्लंघन करते हुए यहां गैरकानूनी तरीके से ऑफिस बनाकर बेचे गए हैं। जिस ऑफिस के लिए ये जमीन दी गई थी, वह पांच साल पहले बंद हो गया है। जेडीए की इस कार्रवाई से यहां संचालित 100 से ज्यादा ऑफिस संचालकों में हडक़ंप मच गया। जयपुर के मालवीय नगर जेएलएन मार्ग पर बनी इस पांच मंजिला इमारत में ज्यादातर ऑफिस शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले ब्रोकर, फाइनेंस सेक्टर और कुछ सीए के थे, जिन्हें बुधवार को बंद कर दिया गया। जेडीए जोन 1 के तहसीलदार पवन कुमार ने बताया कि जिस उद्देश्य के लिए इस जमीन का आवंटन किया गया था, वह काम अब यहां नहीं हो रहा। सेबी ने रीजनल स्टॉक एक्सचेंज को बंद कर दिया। इसके अलावा मैनेजमेंट ने जेडीए और सरकार की बिना अनुमति के यहां बने ऑफिस को बेच दिया, जो आवंटन की शर्तों के खिलाफ था। इसी आधार पर बुधवार को ये इमारत सील करते हुए इसका कब्जा लिया गया है। जेडीए की ओर से यहां 1 लाख 19 हजार वर्गफीट एरिया में संचालित एक निजी बैंक के ऑफिस एरिया को छोड़ते हुए शेष पूरी बिल्डिंग को कब्जे में लिया गया है। आवंटन शर्तों में बैंकिंग गतिविधियों के लिए यहां एक बैंक संचालित करने और उसके लिए स्पेस उपलब्ध करवाने की शर्त थी। इसी शर्त के तहत निजी बैंक को यह जगह उपलब्ध करवाई गई है, जिसे कब्जे में नहीं लिया गया है। जेडीए ने ये जमीन 1992 में रियायती दर (2400 रुपए प्रतिवर्ग मीटर) की दर से दी थी। 12 हजार 460 वर्गमीटर इस जमीन पर पांच मंजिला स्टॉक एक्सचेंज के संचालन के लिए इमारत बनाई गई थी। इसमें करीब 300 से ज्यादा ऑफिस बनाए गए, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा खाली पड़े हैं। कंपनी के मैनेजमेंट ने इनमें से कुछ ऑफिस को रजिस्ट्री के जरिए बेच भी दिया था, जो आवंटन शर्तों के खिलाफ था। इस मामले में यहां काम करने वाले एक शेयर ब्रोकर प्रशांत गुप्ता का कहना था कि उनके पिता ने यहां ऑफिस खरीदा है। जयपुर स्टॉक एक्सचेंज लि. के मैनेजमेंट को पूरा पैसा देकर इसकी रजिस्ट्री करवाई है। अब जेडीए के अधिकारी अचानक आ गए और हमें ऑफिस खाली करने के लिए बोल दिया। यहां 100 से ज्यादा ऑफिस चल रहे हैं। जयपुर स्टॉक एक्सचेंज लि. का मैनेजमेंट इस मामले में अब कोई बात नहीं कर रहा। ऐसे में हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या ये आ गई कि हम अपना ऑफिस कहां शिफ्ट करें। हमारे जैसे कई और ब्रोकर है, जो यहां हर रोज लाखों रुपए की ट्रेडिंग करते हैं और हमारे कस्टमर हमसे जुड़े हुए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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