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चित्तौड़गढ़ जिले के तीन लाख से अधिक परिवारों को होगा निशुल्क औषधिय पौधों का वितरण

चित्तौड़गढ़, 04 जून (हि.स.)। करीब सवा वर्ष से पूरा देश कोरोना की चपेट में है। ऐसे में लोग कोरोना से बचने और शरीर की इम्युनिटी बढाने के लिए एलोपैथी के साथ ही आयुर्वेद पर भी निर्भर रहे हैं। इसी को देखते हुए इस मानसून में वन विभाग ने औषधीय पौधों की बुवाई की योजना बनाई है। इसके लिए वन विभाग की नर्सरियों में औषधीय पौधों की पौध तैयार की जा रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि वन विभाग की और से जिले के सभी परिवारों को दो औषधीय पौधे निशुल्क दिए जाएंगे। पहले वर्ष में जिले के आधे परिवारों को और अगले वर्ष शेष रहे परिवारों को पौधों का वितरण होगा। जानकारी के अनुसार कोरोना से बचने के लिए जिस तरह से लोग आयुर्वेद से जुड़ने उससे आम लोगों को औषधि का महत्व भी समझ में आने लगा है। कोरोना महामारी के दौरान प्राचीन जड़ी बूटियों की जरूरत को ना केवल लोगों में पहचाना बल्कि सरकार ने भी इसके महत्व को समझा है। ऐसे में वन विभाग भी अब ज्यादा से ज्यादा औषधीय पौधे तैयार कर रहा है। चित्तौड़गढ़ जिले के 21 नर्सरियों में इस वर्ष 14 लाख 41 हजार से भी ज्यादा औषधीय पौधे तैयार किए जा रहे हैं। इनमें नीम, गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ व तुलसी शामिल है। इनका आयुर्वेद में काफी महत्व हैं। वन विभाग जिले में घर-घर औषधी अभियान के तहत यह पौधे तैयार कर 20 जुलाई के बाद लोगों को निशुल्क विरतण करेगा। मुख्य वन संरक्षक चित्तौड़गढ़ सुगनाराम जाट ने बताया कि जिले में कुल 14 लाख 41 हजार 9 पौधे तैयार किए जा रहे है। सबसे ज्यादा कपासन रेंज के नर्सरी में पौधे तैयार किए जा रहे हैं। यहां लगभग 3 लाख 70 हजार 5, विजयपुर नर्सरी में 3502, विजयपुर के दूधीतलाई नर्सरी में 31 हजार 800, विजयपुर के उदपुरा नर्सरी में 4500, मंगलवाड़ में 98 हजार 538, सांवरियाजी में 50 हजार, निंबाहेड़ा उप जिला मुख्यालय में 50 हजार, कन्नौज में 65 हजार 760, अरनोदा में 40 हजार, बड़ीसादड़ी में 1 लाख 10 हजार 893, बाड़ी में 89 हजार 489, बेगूं के पारसोली में 31 हजार 200, लाडपुरा में 30 हजार 468, पिपलिखेड़ा में 30 हजार 600, सामरिया में 10 हजार, रावतभाटा के एकलिंगपुरा में 69 हजार 762, बोराव 35 हजार 548, जावदा में 23 हजार 756, चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय में एक लाख, हथनीओदी में एक लाख और सेमलपुरा में 69 हजार 588 पौधे तैयार किए जा रहे है। प्रथम वर्ष में 50 प्रतिशत परिवार होंगे लाभांवित औषधीय पौध योजना को लेकर मुख्य वन संरक्षक सुगनाराम जाट ने बताया कि इस योजना में जिले के 50 प्रतिशत परिवार औषधीय गुणों से लाभान्वित होंगे। पहले साल में तीन लाख 27 हजार 502 परिवारों को पौधे दिए जाएंगे। पौधे वितरण के समय लाभार्थी के जन आधार कार्ड की डिटेल ली जाएगी और जन आधार कार्ड नहीं हो तो मुखिया के आधार कार्ड के हिसाब से जानकारी वन विभाग में दर्ज होगी। इसके हिसाब से अगले साल जिन परिवारों को लाभ दिया जाना है, उनका चिह्नीकरण आसान होगा। हिन्दुस्थान समाचार/अखिल/ ईश्वर

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