First mother and later life left innocent, breathed his last in Udaipur
First mother and later life left innocent, breathed his last in Udaipur

पहले जननी और बाद में जिंदगी ने मासूम का छोड़ा साथ, उदयपुर में ली अंतिम सांस

चित्तौड़गढ़, 14 जनवरी (हि.स.)। चित्तौड़गढ़ के महिला एवं बाल चिकित्सालय परिसर में संचालित पालना गृह में मंगलवार को परित्याग किए हुए बालक ने उदयपुर मेडिकल कॉलेज में अंतिम सांस ली। नवजात शिशु की हालत काफी गंभीर थी जिसके कारण उसे बुधवार को उदयपुर रेफर किया गया था। जहां रात 8 बजे करीब बालक की मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम को 7.15 बजे पालना गृह की घण्टी बजी। जिसे सुनकर मौके पर ड्यूटी पर उपस्थित नर्स ने बच्चे को पालने से उठाया। बच्चे को सबसे पहले शिशु केअर यूनिट में लाने के बाद उसका उपचार किया गया। बच्चा न्यू बोर्न ही था। उसका जन्म मंगलवार को ही हुआ था। प्रीमेच्योर डिलीवरी होने के कारण नवजात के फेफड़े पूर्ण रूप से कार्य नहीं कर रहे है। फेफड़े कमजोर होने के कारण नवजात को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। बच्चे की बिगड़ती हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उसे बुधवार शाम करीब 5 बजे उदयपुर रेफर कर दिया, जहां उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। इस दौरान बाल कल्याण समिति के गार्ड और एक आया भी बच्चे के साथ उदयपुर गए है। करीब रात के 8 बजे नवजात ने अंतिम सांस ली। बच्चे का वजन केवल ढेड़ किलोग्राम ही है। बच्चा काफी कमजोर भी था। पहले जननी ने और बाद में जिंदगी ने नवजात का साथ छोड़ दिया। डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद बालक के मृत शरीर को पुनः चित्तौड़गढ़ लाया गया, जहां गुरुवार को बाल कल्याण समिति के सदस्य फारुख खान पठान की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार किया गया। हिन्दुस्थान समाचार / अखिल/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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