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एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के लिए अभ्यावेदन देने की छूट

जयपुर, 08 अप्रैल (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने एसटी वर्ग को दिए जा रहे आरक्षण का वर्गीकरण कर इसमें से 25 फीसदी आरक्षण भील जाति को देने के संबंध में दायर याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह इस संबंध में राज्य सरकार के समक्ष अपना अभ्यावेदन पेश कर सकता है। न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और न्यायाधीश मनोज व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश कालू लाल भील व अन्य की जनहित याचिका पर दिए। याचिका में अधिवक्ता मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि एसटी आरक्षण का लाभ जनजाति विशेष ही ले रही है। ऐसे में अधिक लाभ लेने वाली जनजाति को क्रिमीलेयर में शामिल किया जाए। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट हाल ही में पंजाब सरकार बनाम देवेन्द्र सिंह के मामले में तय कर चुका है कि राज्य सरकार पिछडी जाति के आरक्षण में उचित आधार पर विभाजन कर सकती है। ऐसे में राज्य सरकार को अपर्याप्त प्रतिनिधित्व वाली भील जनजाति को एसटी वर्ग के 25 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस लेने और इस संबंध में राज्य सरकार के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने की अनुमति मांगी गई। इस पर अदालत ने याचिका खारिज कर अभ्यावेदन पेश करने की अनुमति दे दी है। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर

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