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कोरोना से ठीक होने के बाद भी हार्ट पेशेंट्स की बढ़ रही समस्याएं, विशेष अलर्ट रहने की जरुरत : डॉ. डेगावत

बीकानेर, 22 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी अत्याधुनिक मशीनी सुविधाओं से सुसज्जित इटरनल हॉस्पिटल जयपुर के एमडी-डीएम-कार्डियोलोजी कंसलटेंट डॉ. प्रेमरतन डेगावत ने कहा कि गंभीर संक्रमण से लेकर कोरोना से उबरने के बाद तक के लक्षणों से पता चलता है कि हमने जो सोचा था कोरोना वायरस उससे कहीं ज़्यादा घातक साबित हुआ है। ये ख़तरनाक संक्रमण सबसे ज़्यादा हमारे दिल, दिमाग को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ सांस की तकलीफ, मांसपेशियों में ब्रेकडाउन और सूजन (मायोकार्डिटिस) जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं। पोस्ट कोविड सिंड्रोम के कारण भी कई मरीजों में हार्ट की समस्याएं सामने आ रही हैं। इसके लिए विशेष अलर्ट रहने की जरुरत है। बीकानेर प्रवास के दौरान डॉ. डेगावत ने शुक्रवार को विशेष बातचीत में बताया कि डेली ओपीडी में कई ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जो कोविड नेगेटिव आ चुके हैं लेकिन उन्हें सांस लेने में तकलीफ, सीने में लगातार दर्द, ऑक्सीजन की कमी होने जैसी समस्याएं आ रही हैं। ईसीजी और कार्डियक ट्रॉप्टी जैसे टेस्ट करने के बाद उनमें कार्डियक डिजीज सामने आ रहे हैं। जब यह वायरस मसल्स के साथ हार्ट के कंडक्शन टिशू में इनवॉल्व हो जाता है तो हार्ट ब्लॉक हो जाता है। ऐसे मरीजों में पेस मेकर तक लगाना पड़ सकता है। वहीं जिन मरीजों में डी-डाइमर ज्यादा है उन्हें लंबे समय तक ब्लड थिनर लेना पड़ सकता है। डॉ.प्रेम रतन बताते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान हार्ट पेशेंट्स को विशेष रूप से अलर्ट रहने की जरूरत है। उन्हें बचाव पर भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इसके लिए उन्हें अपना शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखना होगा, खानपान बैलेंस रखें और परेशानी होने पर डॉक्टर के पास जाने में देरी नहीं करें क्योंकि हार्ट की बीमारी देरी होने पर और गंभीर हो जाती है। इस मौके उनके साथ रोग निवारण नशामुक्ति एवं पुनर्वास हॉस्पिटल के संचालक व जाने-माने नशामुक्ति रोग विशेषज्ञ डॉ. हरमीत सिंह ने कहा कि हृदय रोग से बचाव के लिए नशा का त्याग करना, नशे से दूर रहना, नशे का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना अत्यावश्यक है। नशे के बारे में विस्तृत रुप से डॉ. हरमीत सिंह ने बताया कि सिगरेट, तम्बाकू, गुटखा, शराब, जर्दा, अफीम, गांजा, भांग के सेवन करने से अन्य रोगों की तुलना में 70 प्रतिशत हृदयाघात की संभावना रहती है। इन सभी नशे की चीजों से दूर रहकर हम अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं। नशामुक्ति पर पिछले 20 वर्षों से बीकानेर जिले में कार्यरत डॉ. हरमीत ने यह भी बताया कि उनके रोग निवारण नशामुक्ति एवं पुनर्वास हॉस्पिटल में आधुनिक पद्धति से बिना तकलीफ कर नशा छुड़ाया जाता है। उनके अस्पताल में जिले के बाहर व अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में नशा मुक्ति के रोगी आते हैं। बीकानेर की जानी-मानी वरिष्ठ दंत चिकित्सक डॉ. गुरजीत कौर ने कहा कि दांतों की बीमारियों का हृदय रोग से सीधा सम्बन्ध है। बैक्टीरियाजनित मुंह की बीमारी से यह रोग हृदय में पहुंच जाता है और वहां पर सूजन आ जाती है। डॉ. कौर नेे बताया कि इससे बचाव के लिए दांतों को चका-चक, साफ-सुथरा रखेंगे और सही समय पर चिकित्सक की सलाह-मशविरा से दांतों से हृदय रोग होने से बचा जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि मुंह में संक्रमण के बैक्टीरिया हृदय रोगों का कारण बन सकते हैं। जब दांत खराब होते हैं या मसूड़ों में सूजन होती है तो ये बैक्टीरिया रक्त धमनियों मेें प्लाक बना देते हैं और इससे धमनियां सिकुडऩे लगती है। जो बाद में हार्ट अटैक की वजह बन सकते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप-hindusthansamachar.in

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