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रेमडेसिवीर इंजेक्शन घोटाले में लीपापोती के प्रयास शुरू

जोधपुर, 31 मई (हि.स.)। रेमडेसिवीर इंजेक्शन में से निकला घोटाले का जिन्न अब काबू में आने का नाम नहीं ले रहा है। घोटाले में बड़े डॉक्टरों के नाम सामने आने के बाद अब इस जिन्न को वापस इंजेक्शन में बंद करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन लगता है घोटाला रूपी जिन्न वापस इंजेक्शन में बंद होने को तैयार ही नहीं है। एमडीएम अस्पताल में 250 से 300 रेमडेसिवीर इंजेक्शन का घोटाला सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस बारे में शिकायत मिलने पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी ने जांच कमेटी बना दी। डॉ. आसेरी ने बताया कि जांच कमेटी किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई। जांच कमेटी ने इस मामले में न तो किसी को लिप्त माना और न ही किसी पर संदेह जताया। कमेटी ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की अनुशंसा अवश्य की थी। अब हमें ऊपर से निर्देश मिलने का इंतजार है। यदि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल स्थानीय स्तर से जांच कराने चाहे या फिर जयपुर की किसी कमेटी से। यह उन पर निर्भर करता है। हम किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार है। वहीं प्रिंसिपल डॉ. एसएस राठौड़ का कहना है कि फिलहाल मुझे एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक से अभी तक इस बारे में रिपोर्ट नहीं मिली है। वहां से रिपोर्ट मिलने पर एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में यदि कोई दोषी पाया जाएगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो। दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि नर्सिंगकर्मियों की तरफ से कुछ डॉक्टरों का नाम लिए जाने के बाद अब उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। हालांकि डॉक्टरों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से ही खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ कहा कि इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है। हमारे परिजनों के लिए इंजेक्शनों की कमी नहीं है। हमें ऐसे डमी मरीज भर्ती कर इंजेक्शन का जुगाड़ करने की आवश्यकता नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/ सतीश / ईश्वर

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