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सवाई माधोपुर में रेलवे भूखंड पर कॉमर्शियल डवलपमेंट के लिए आमंत्रित की ई-बोलियां

जयपुर, 09 फरवरी (हि.स.)। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने राजस्थान के सवाई माधोपुर में रेलवे की 4 हजार स्क्वायर मीटर खाली जमीन पर कॉमर्शियल डवलपमेंट के लिए लीज पर देने को ऑनलाइन रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफ़पी) मंगाई है। यह साइट सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर -1 की तरफ बने जीआरपी थाना के पास स्थित है। यह सडक़ नेटवर्क के माध्यम से शहर के विभिन्न हिस्सों में अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह साइट उत्तर दिशा में निजी घरों, दुकानों और रेलवे क्वार्टरों, पूर्व दिशा में खाली पड़ी जमीन और रेलवे भवनों, दक्षिण दिशा में एक रेलवे स्टेशन और पश्चिम दिशा में जीआरपी थाने से घिरा हुआ है। यह भूखंड 4 हजार स्क्वायर मीटर का है जिसपर दोगुना यानि बिल्ट-अप एरिया (बीयूए) 8000 स्क्वॉयर मीटर तक निर्माण किया जा सकता है। जमीन का आरक्षित मूल्य 13.50 करोड़ रुपए है और इसे 45 वर्षों के लिए लीज पर दिया जाएगा। इस जमीन की निविदा के लिए इसी महीने आरएलडीए द्वारा ऑनलाइन प्री-बिड मीटिंग आयोजित की गई थी और इसमें राजस्थान और आसपास के राज्यों के कई डवलपर्स ने हिस्सा लिया था। ऑनलाइन निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 11 फरवरी 2021 रखी गई है। उत्तर दिशा में बनास नदी और पूर्व दिशा में परबती नदी से घिरे इस खूबसूरत शहर का नाम जयपुर के महाराजा सवाई माधो सिंह-प्रथम के नाम पर रखा गया है। उन्होंने ही इस शहर की योजना बनाई थी। यहां यूनेस्को की वल्र्ड हैरिटेज साइट में शुमार रणथंभौर नेशनल पार्क भी है। आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा कि प्रस्तावित कॉमर्शियल डवलपमेंट पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने के साथ-साथ रियल एस्टेट की कीमतों को बढ़ाएगा और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक विकास सुनिश्चित करेगा। ठेकेदार को स्थानीय भवन उपनियमों के अनुसार डेवलपमेंट की अनुमति दी जाएगी और उन्हें साइट प्लान के अनुसार डवलपमेंट के लिए सभी आवश्यक मंजूरी प्राप्त करना होगा। उसे किसी भी वैध गतिविधि के लिए बिल्ट-अप एरिया को मार्केट करने और सब-लीज पर देने की अनुमति दी जाएगी। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) रेलवे भूमि के विकास के लिए रेल मंत्रालय के अंतर्गत एक संवैधानिक प्राधिकरण है। वर्तमान में आरएलडीए चार प्रकार के प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन लीज पर दे रही है। इसमें कॉमर्शियल/रेजीडेंसियल साइट्स, कॉलोनी पुनर्विकास, स्टेशन पुनर्विकास और मल्टी फंक्शनल कम्प्लेक्स शामिल हैं। वर्तमान में भारतीय रेलवे के पास पूरे भारत में लगभग 43 हजार हेक्टेयर खाली भूमि है। आरएलडीए के पास लीज पर देने के लिए देश भर में 84 कमर्शियल (ग्रीनफ़ील्ड) साइटें हैं, और प्रत्येक के लिए पात्र डेवलपर्स को एक खुली और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा। उन्होंने बताया कि आरएलडीए वर्तमान में 62 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक कंपनी, आईआरएसडीसी अन्य 61 स्टेशनों पर कार्य कर रही है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में देशभर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा। आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी पुनर्विकास परियोजनाओं को भी संचालित कर रहा है और हाल ही में पुनर्विकास के लिए गुवाहाटी में एक रेलवे कॉलोनी को लीज पर दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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