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794 करोड़ रुपये आरक्षित राशि के 83 रॉयल्टी ठेकों की ई-आक्‍शन से नीलामी प्रक्रिया शुरु

जयपुर, 07 फरवरी(हि.स.)। राज्य के माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग ने राजस्व बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाना शुरु कर दिया है। प्रमुख सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम अजिताभ शर्मा ने बताया है कि राज्य सरकार ने खनन पट्टों से निकलने वाले खनिज पर देय राजस्व की वसूली के लिए 83 रॉयल्टी ठेकों की ई-प्लेटफार्म पर नीलामी प्रकिया शुरु कर दी है। इससे पहले पिछले दिनों 60 ठेकों की नीलामी प्रक्रिया शुरु की जा चुकी है। प्रमुखख सचिव माइंस शर्मा ने बताया कि यह ठेके खनिजों के जारी खनन पट्टों आदि से निकाले जाने वाले खनिज पर वसूल किए जाने वाले रॉयल्टी कलेक्शन कान्ट्रेक्ट (आरसीसी), एक्सेस रॉयल्टी कलेक्श्न कॉन्ट्रेक्ट (ईआरसीसी), जिला स्तरीय मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी), राज्य स्तरीय मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (आरएसएमईटी) आदि के दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 794 करोड़ रुपये की आरक्षित राशि के इन ठेकों की ई-नीलामी सूचना विभाग द्वारा 29 जनवरी को जारी कर दी गई है। शर्मा ने बताया कि विभाग ने ई-आक्शन की पारदर्शी व्यवस्था से राज्य के 83 रॉयल्टी ठेकों की ई-नीलामी के लिए विभागीय वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी के साथ ही भारत सरकार द्वारा प्रधान खनिजों के नीलामी के ऑनलाईन एमएसटीसी पोर्टल पर भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इससे देश-दुनियां में कहीं से भी कोई भी व्यक्ति इस ई-नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेगा। उन्होंने बताया कि ई-आक्शन में हिस्सा लेने वाले इच्छुक व्यक्तियों को भारत सरकार के पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा वहीं पहले से पंजीकृत व्यक्ति, फर्म या कंपनी को दुबारा पंजीयन नहीं कराना होगा। प्रमुख सचिव माइंस अजिताभ शर्मा ने बताया कि यह ठेके मुख्यतः चायना क्ले, सिलिका सेंड, क्वार्टज, फैल्सपार, सोपस्टोन, डोलोमाइट, मार्बल, सरपेंटाईन, चुनाई पत्थर आदि की खानों से आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी, आरएसएमईटी आदि के शुल्क, अधिशुल्क वसूली के लिए दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ई-प्लेटफार्म पर पारदर्शी व्यवस्था से नीलामी से स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा होने के साथ ही राजस्व वृद्धि की भी संभावना हो जाती है। उन्होंने बताया कि नीलामी के बाद ठेका किसी अन्य को हस्तांतरण, सबलेट तथा सरेण्डर नहीं किया जा सकेगा। प्रमुख सचिव शर्मा ने बताया कि आरसीसी, ईआरसीसी, डीएमएफटी और आरएसएमईटी आदि के यह ठेके खनि अभियंता सोजत सिटी, अलवर, जयपुर, मकराना, जालौर, उदयपुर, नागौर, राजसमंद, जैसलमेर, आमेट, चित्तोड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, झुन्झुनू, सिरोही, बूंदी, सीकर, बीकानेर, कोटा, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जोधपुर, श्रीगंगानगर, करौली, बिजौलिया, रामगंजमण्डी, ब्यावर, अजमेर के साथ ही सहायक खनि अभियंता गोटन, बालेसर, झालावाड़, ऋषभदेव, दौसा, कोटपूतली, बारां, रुपवास, चुरु, टोंक, निंबाहेड़ा के क्षेत्राधिकार की खानों से संबंधित हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर-hindusthansamachar.in

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