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दिलावर का आरोप, बीवीजी कंपनी ने धारीवाल को पैसा नहीं दिया, इसलिए मेयर को हटाया

जयपुर, 08 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री और रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल आयुक्त के जरिए बीवीजी कंपनी से मोटी रकम वसूलना चाह रहे थे लेकिन ईमानदारी से काम कर रही डॉ. सौम्या गुर्जर ने ऐसा नहीं होने दिया जिसके चलते उन पर कार्रवाई की गई है। जयपुर ग्रेटर नगर निगम में पार्षदों, मेयर और आयुक्त के बीच विवाद हो गया था। इस प्रकरण में राज्य सरकार ने महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया है। महापौर पद की जिम्मेदारी डॉ. सौम्या गुर्जर की जगह भाजपा की ही शील धाभाई को जिम्मेदारी सौंप दी गई। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री और रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल आयुक्त के जरिए बीवीजी कंपनी से मोटी रकम वसूलना चाह रहे थे लेकिन ईमानदारी से काम कर रही सौम्या गुर्जर ने ऐसा नहीं होने दिया, इसी के चलते उन पर कार्रवाई की गई है। दिलावर ने कहा कि जयपुर ग्रेटर की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर का पक्ष सुने बिना ही सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया और केवल एक आयुक्त के कहने पर ऐसा हुआ है। पहले भी कांग्रेस की महापौर रही ज्योति खंडेलवाल के समय भी कई विवाद मंत्री शांति धारीवाल से हुए हैं, लेकिन सेटल हो गया था। जनता के बीच भी ऐसी चर्चा है कि मंत्री धारीवाल बीवीजी कंपनी से आयुक्त के माध्यम से मोटी रकम वसूलना चाह रहे थे और रकम नहीं मिल पाने के चलते यह गड़बड़ हुई है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी सडक़ों पर निकलेगी। इस मामले को लेकर न्यायालय में जाएंगे, जहां इनकी किरकिरी होगी। मामले को लेकर भाजपा सडक़ों पर भी उतरेगी। उन्होंने कहा कि सौम्या गुर्जर समाज से है। सचिन पायलट को नीचा दिखाना था। गुर्जरों को परेशान करना था और महिला थीं इसीलिए उन्हें निलंबित कर दिया। सरकार महिलाओं, गुर्जर समाज और ईमानदार लोगों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने बहुत बड़ा पैसा शहरों के विकास के लिए दिया है। स्मार्ट सिटी बनाने व अमृत योजना में बड़ी रकम आई है और उसमें से ही बड़ी राशि वसूलने का षड्यंत्र चल रहा था। सौम्या गुर्जर इस बात को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थी। आयुक्त लगातार दबाव डाल रहे थे। बीवीजी कंपनी काम नहीं कर रही थी। सफाई की शिकायत थी, लेकिन भुगतान का दबाव बना रहे थे, लेकिन सौम्या गुर्जर ईमानदारी से काम कर रही थी। बिना काम किए बीवीजी कंपनी को पैसा नहीं देना चाहती थीं जिस पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। मेयर सौम्या गुर्जर के निलम्बन पर डूंगरपुर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभु पंडया, चित्तौडग़ढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या, कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर व बड़ी सादड़ी विधायक ललित ओस्तवाल, राजसमंद सांसद दीयाकुमारी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी समेत कई भाजपा नेता गहलोत सरकार के खिलाफ उतर आए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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