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विश्व बाल श्रमिक निषेध दिवस पर हुआ संवाद, कोरोनाकाल में अनाथ हुए बच्चों को राहत

धौलपुर,12 जून (हि.स.)। विश्व बाल श्रमिक निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को प्रदेश में वर्चुअल तरीके से संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में बाल श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को मिले इसके लिए निर्देश दिए। इस अवसर पर गहलोत ने कोरोनाकाल में अनाथ हुए बच्चों के मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना का शुभारंभ भी किया। यह योजना अनाथ बच्चों के लिए काफी राहत प्रदान करेगी। धौलपुर में वर्चुअल कार्यक्रम में मौजूद डीएम आरके जायसवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 की द्वितीय लहर के दृष्टिगत कोविड-19 से निराश्रित एवं असहाय परिवार में मृत्यु होने की स्थिति में राहत प्रदान करने के लिये कदम उठाया है। कोरोना महामारी से माता पिता दोनों की अथवा एकल जीवित की मृत्यु होने के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के अन्तर्गत लाभ दिया जाना प्रस्तावित है। जिसमें अनाथ बालक व बालिका की तत्काल आवश्यकता के लिए एक लाख रूपये का अनुदान राशि,18 वर्ष तक प्रतिमाह 2500 रूपये की सहायता राशि,18 वर्ष पूर्ण होने पर 5 लाख रूपये की सहायता राशि,12 वीं तक नि:शुल्क शिक्षा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से दी जाएगी। कॉलेज में अध्ययन करने वाली छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। कॉलेज छात्रों के लिए आवासीय सुविधाओं हेतु अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना का लाभ दिया जाएगा। युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अन्तर्गत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता से लाभ दिया जाएगा। इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार / प्रदीप/ ईश्वर

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