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रुद्राक्ष हत्याकांड के अभियुक्त की फांसी की सजा आजीवन कारावास में बदली

जयपुर, 03 मार्च (हि.स.)। राजस्थान हाइकोर्ट ने कोटा में 7 वर्षीय बालक रुद्राक्ष के अपहरण और हत्या के मामले में अभियुक्त अंकुर पाडिया को राहत देते हुए उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। वहीं अदालत ने शेष अन्य अभियुक्तों को मिली सजा को बरकरार रखा है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार के डेथ रेफेरेंस और अभियुक्त पाडिया व अन्य की अपील पर दिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा है की अभियुक्त पाडिया की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला जा रहा है, लेकिन उसे कम से कम 25 साल जेल में रहना होगा और उसे रेमेशन पीरियड की छूट का लाभ भी नहीं मिलेगा। गौरतलब है की कोटा में 9 अक्टूबर 2014 को जवाहर नगर के एक पार्क से 7 साल के बालक रुद्राक्ष का अपहरण किया गया था। अपहर्ताओं ने बालक के पिता से दो करोड रुपए फिरौती मांगी थी, लेकिन बाद में पकडे जाने के डर से बालक की हत्या कर दी थी। इस मामले पुलिस ने अभियुक्त अंकुर पाडिया, उसके भाई अनूप पाडिया, नौकर महावीर और दिल्ली के सिम विक्रेता करनजीत सिंह को गिरफ्तार किया था। स्थानीय कोर्ट ने 26 फरवरी, 2018 को अभियुक्त अंकुर पाडिया को फांसी की सजा से दंडित किया था। जबकि उसके भाई अनूप को आजीवन कारावास, नौकर महावीर को 4 साल और करनजीत सिंह को दो साल सजा सुनाई थी। इसके विरुद्ध दायर अपील पर हाइकोर्ट ने पूर्व में अंकुर की फांसी की सजा पर निचली अदालत को पुन: सुनवाई करने को कहा था। इस पर ट्रायल कोर्ट ने पुन: सुनवाई कर 20 दिसंबर 2018 को उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा था। इस आदेश को कन्फर्म करने के लिए राज्य सरकार की ओर से डेथ रेफरेंस और अभियुक्त पक्ष की ओर से अपील पेश की गई थी। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर

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