शादियों में कोरोना मेहमान ना बनें, इसलिए सरकार ने बढ़ाया विवाह समारोह पर पहरा

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जयपुर, 06 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के तेजी से फैलने के बाद आगामी दिनों में होने वाली शादियों पर एक बार फिर से संकट मंडराने लगा है। इससे पहले कोरोना की पहली लहर के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान सैंकड़ों शादियां स्थगित हो गई थी। अब एक बार फिर कोरोना के बढ़ते केसेज के कारण शादियों की सीजन पर संकट बढ़ गया है। दरअसल, 13 अप्रैल को मीन मलमास और शुक्र का तारा 23 अप्रैल को खत्म होने के बाद फिर से तीन महीने के बाद शहनाईयों की गूंज शुरु होगी। राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन में शादी-समारोह में 100 मेहमानों की अनुमति के निर्देश दिए हैं, जबकि आगामी शादियों के निमंत्रण पत्र भी मेहमानों के घर भेजे जा चुके हैं। ऐसे में वर-वधू दोनों पक्षों की मुश्किलें बढ़ गई है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 21 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर अबूझ मुहूर्त में शादियों का शुभ मुहूर्त है। इसमें जयपुर जिले में दो हजार से अधिक और प्रदेश में 28 हजार के आस-पास शादियां प्रस्तावित हैं, वहीं, 25 अप्रैल से पंचागीय रेखीय सावों की शुरुआत होगी, जो 31 मई तक जारी रहेगी। कोरोना की नई गाइडलाइन से खौफजदां कई लोग अब विवाह की बुकिंगें निरस्त भी कर रहे हैं। जबकि, इस महीने होने वाली शादियों के लिए गार्डन, होटल सहित अन्य बुकिंग और तैयारियां पूरी कर ली गई है। चार महीने के इंतजार के बाद 22 अप्रैल से शादियों का सीजन प्रारंभ हो जाएगा। इसके साथ ही बंदिशें भी बढऩे लगी हैं। रात का कफ्र्यू लागू कर दिया गया है और दुकानों के खोलने का समय भी घटा दिया गया है। विवाह समारोह में संभागियों की संख्या 100 निर्धारित कर दी गई है। प्रशासन लगातार सख्ती बरतने लगा है। यानी स्थितियां खराब होती जा रही हैं। इसके साथ शादियों की तैयारी में जुटे परिवार और वेडिंग इंडस्ट्रीज से जुड़े लोगों के माथे पर भी सलवटें आने लगी हैं। मजबूरन मेहमानों की सूची पर कैंची चलने लगी हैं। लग्न, बारात, फेरे, दावत में मेहमानों की संख्या में कांट-छांट की जा रही है। रास्ता निकाला जा रहा है कि कुछ को रिसेप्शन में तो कुछ को शादी में बुला लिया जाए। वेडिंग प्लानर जितेंद्र गोयल ने बताया कि लोगों के फोन आ रहे हैं, जो कैटरिंग में प्लेट और आइटम कम करने की बात कह रहे हैं। हमने महीनों पहले हलवाई, वेटर, कुक, डेकोरेटर्स आदि को पहले से एडवांस दे दिया है। इसलिए नई स्थितियों से भारी परेशानी हो रही है। जयपुर के कृष्णानगर निवासी अभिषेक बनर्जी ने बताया कि उसकी 30 अप्रैल को शादी है। बारात अजमेर जानी है। जैसे-जैसे लॉकडाउन खुला और कोरोना का आंकड़ा कम हुआ, शादी में मेहमानों की संख्या बढ़ा दी थी। करीब 500 लोगों को शादी का न्योता दिया गया था, लेकिन अब फिर से 100 की सीमा तय कर दी गई है। ऐसे में एक तरफ से 50 लोग ही शादी में शामिल हो पाएंगे। समझ नहीं आ रहा कि जिन रिश्तेदारों को न्योता दे चुके हैं, उन्हें कैसे मना करें। उन्होंने बताया कि जहां पहले एक-एक मेहमान को फोन कर न्यौता दिया। वहीं, अब फोन कर एक-एक को मना करना पड़ रहा है। नाइट कफ्र्यू के कारण रात में बारात नहीं निकल पाएगी। इसलिए बैंड वाले परेशान हैं। बैंड वादकों का कहना है कि जून तक की बुकिंग हो चुकी है। अप्रैल में बुकिंग करा चुके लोगों के फोन आए हैं, जो बारात निकालने को लेकर संशय जता रहे हैं। उन्हें हम क्या जवाब दें। कुछ समझ नहीं आ रहा। लंबे अरसे बाद परिवारों में शादी हो रही है। पूरे कुटुंब में धूमधाम से शादी करने का उत्साह है। तैयारी भी वैसे ही की जा रही है, लेकिन अब 100 मेहमानों को ही बुलाने की पाबंदी है। कार्ड छप गए हैं। लोगों को फोन पर कह दिया है। अब कैसे-किसको मना करें या बुलाए, समझ में नहीं आ रहा है। कैटर्स को 1000 लोगों का खाना बुक कराया है। किस तरह समारोह संपन्न होगा, ये समझ नहीं आ रहा है। अप्रैल से शादियों के मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। अप्रैल से जुलाई तक 35 मुहूर्त हैं। 25 अप्रैल को बड़ा मुहूर्त है और बड़ी संख्या में शादियां है। जुलाई में 1, 2, 7, 13 और 15 का सावा रहेगा। इसके बाद देव शयन को चले जाएंगे और नवंबर में विवाह के लिए 3 महीने के लंबे अंतराल के बाद नौ शुभ मुहूर्त आएंगे। नवंबर में 15, 16, 20, 21, 22, 27, 28, 29 और 30 तथा दिसंबर में 1, 2, 6, 7, 11, 12 और 13 को सावा है। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर

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