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बीमा अवधि में दुर्घटना के क्लेम पर उलझे सहकारिता मंत्री

जयपुर, 01 मार्च (हि.स.)। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना सोमवार को विधानसभा में ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्यों के ऋण वितरण के समय किये जाने वाले ग्रामीण दुर्घटना बीमा के क्लेम के सवाल के जवाब में उलझ गए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी.पी. जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के हस्तक्षेप के बावजूद वे सवाल का जवाब ढंग से नहीं दे पाए और जवाब को घुमाते रहे। सहकारिता मंत्री आंजना ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समिति के सदस्यों का ऋण वितरण के समय किये जाने वाले ग्रामीण दुर्घटना बीमा एक वर्ष के लिए किया जाता है। बीमा कम्पनी द्वारा जिस अवधि के लिए दुर्घटना बीमा किया गया है, उस अवधि में ही दुर्घटना होने पर कम्पनी द्वारा क्लेम की राशि दी जाएगी। जब उन्होंने कहा कि एक बीमा कम्पनी का टर्म खत्म होने के बाद दूसरी कम्पनी के साथ एग्रीमेंट होने में कुछ समय का अंतराल आने के कारण इस अवधि में दुर्घटनाग्रस्त होने वाले किसानों को दुर्घटना बीमा का क्लेम नहीं मिल सका है। इस पर मूल प्रश्नकर्ता पब्बाराम और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने पूरक प्रश्न किया कि जिस समय अंतराल के दौरान किसी भी कम्पनी के साथ एग्रीमेंट नहीं था लेकिन किसानों की प्रीमियम राशि काट ली गई तब उन किसानों का क्लेम कौन देगा, कम्पनी या सरकार। मंत्री ने जवाब घुमाते हुए कहा कि कम्पनी तो क्लेम नहीं देगी। इसपर विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी.पी. जोशी ने भी हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इसमें किसानों का क्या दोष है। सरकार तय करे कि क्लेम कौन देगा। किसानों की प्रीमियम राशि कटी है तो किसान क्लेम का हकदार है। इस पर सहकारिता मंत्री से कोई जवाब नहीं बना और वे केवल इतना कह सके कि एग्रीमेंट प्रक्रिया में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की जांच के लिए समिति भी बना दी गई है। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर

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