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कूलर डिजायन का मामला पहुंचा कोर्ट, अदालत ने निर्माण और विक्रय पर लगाई पाबंदी

जयपुर, 04 मार्च (हि.स.)। गर्मी से निजात दिलाने के काम आने वाले कूलर की डिजायन को लेकर एक प्रकरण अदालत पहुंचा है। जिस पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-8 ने राज कूलिंग सिस्टम को पाबंद किया है कि वह कैपसन रिर्सोसेज कॉर्पोरेशन के कूलर की डिजायन का निर्माण और विक्रय ना करे। अदालत ने फर्म को इस बात के लिए भी पाबंद किया है कि वह किसी अन्य से भी इसका निर्माण व विक्रय ना कराए। अदालत ने यह आदेश कैपसन रिर्सोसेज की ओर से दायर दावे पर सुनवाई करते हुए दिए। फर्म की ओर से अधिवक्ता हर्षित ठोलिया ने अदालत को बताया कि उसके कूलर को दिसंबर 2010 में डिजाइन एक्ट के तहत पंजीकृत किया गया था। प्रार्थी कंपनी के ट्रेडमार्क से जो कूलर बनते है, उस डिजाइन का कूलर राज कूलिंग बना रहा है। यहां तक की कूलर में लगने वाले नट बोल्ट की संख्या और स्थान भी एक समान ही है। प्रार्थी ने यह डिजायन पंजीकृत कराया था, लेकिन राज कूलिंग ने अनुचित लाभ लेने के लिए हूबहू डिजायन से माल बनाकर उसका विक्रय किया है। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज कूलिंग को पाबंद किया है कि वह स्वयं या किसी अन्य से इस डिजायन के कूलर का निर्माण और विक्रय ना कराए। हिन्दुस्थान समाचार/ पारीक/ ईश्वर

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