किसानों को गुलाम बनाने की साजिश का कांग्रेस करेगी पर्दाफाश : डोटासरा
जयपुर, 15 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर शुक्रवार को जयपुर स्थित सिविल लाईन्स फाटक पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के नेतृत्व में किसान अधिकार दिवस के तहत केन्द्र सरकार द्वारा थोपे गए तीन काले कानूनों के विरोध में कांगे्रसजनों द्वारा धरना देकर राजभवन का घेराव किया गया। धरने को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार किसान विरोधी है और इसने देश के करोड़ों किसानों को छलने का काम बार-बार किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले भूमि अधिग्रहण कानून लाकर किसानों की जमीन छीननी चाही जिसका कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया। इसके चलते मोदी सरकार को उस कानून को रद्द करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार अब किसान को खेती से बेदखल कर पूंजीपतियों के हाथों में खेत सौंपने और किसानों को गुलाम बनाने के जो नापाक इरादे को लेकर तीन काले कानून लेकर आई है उसका कांग्रेस पार्टी लगतार पर्दाफाश कर रही है। डोटासरा ने कहा कि खुले बाजार और अनुबंध खेती का जो विचार मोदी सरकार का है, वह आजादी के बाद देश के किसानों के साथ सबसे बड़ा धोखा है। कांग्रेस किसानों की हमेशा से हितैषी रही है और ये तीनों बिल केन्द्र सरकार को वापस लेने होंगे। उन्होंने पेट्रोल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी को देश की जनता के साथ ठगी बताया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार आम जनता की कमर तोडऩे के लिए पेट्रोल एवं डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर रही है। गत 73 वर्षों के इतिहास में गुजरे 6 वर्षों में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों जो वृद्धि की गई है वह अब तक की सबसे ज्यादा वृद्धि है। मई 2014 में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जो क्रूड ऑयल पहले 110 डॉलर प्रति बैरल था वह वर्तमान में 50 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। इसके बावजूद केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा पेट्रोल एवं डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि की जा रही है। केन्द्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल की एक्साईज ड्यूटी बढ़ाकर लगभग 19 लाख करोड़ रुपये एकत्रित किए हैं। पेट्रोल एवं डीजल में बढ़ोत्तरी करने से किसानों एवं आम लोगों पर भारी बोझ पड़ रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ये तीनों बिल लाए गए हैं। बिल में भंडारण की सीमा समाप्त कर दी गई है और आवश्यक वस्तुओं को सूची से हटा दिया गया है। इसका दुष्प्रभाव सिफ्र किसानों पर नहीं बल्कि पूरे देश की जनता पर पड़ेगा, इसलिए यह पूरे देश की लड़ाई है। केन्द्र सरकार किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। एआईसीसी सचिव तरूण कुमार ने कहा कि मोदी सरकार को किसानों की चिंता नहीं है और वह उन्हें पंगु बनाने के लिए तीन काले कानून लेकर आई है। धरने को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव कुलदीप इन्दौरा, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. गिरिजा व्यास, डॉ. बीडी कल्ला और सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गोविन्द राम मेघवाल, नसीम अख्तर इंसाफ, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी, विधायक संयम लोढ़ा ने भी सम्बोधित किया। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ ईश्वर-hindusthansamachar.in