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बेलगाम महंगाई के विरोध में कांग्रेस का पेट्रोल पम्‍पों पर धरना प्रदर्शन शुक्रवार को

जयपुर, 08 जून (हि.स.)। देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस सहित सभी आवश्यक वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में शुक्रवार 11 जून को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना गाईडलाइन्स की पालना करते हुए पेट्रोल पम्पों के सामने विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि इन विरोध प्रदर्शनों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी, विधायक, सांसद, विधायक प्रत्याशी, सांसद प्रत्याशी, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, सभी जप्रतिनिधि, प्रमुख कांग्रेसजन, जिला एवं ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के निवर्तमान पदाधिकारीगण भाग लेंगे। डोटासरा मंगलवार को अपने निवास पर पत्रकारों से संवाद कर रहे थे। गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि अप्रेल, 2014 में जब देश में डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार का शासन था उस वक्त अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 108 डॉलर प्रति बैरल थे तथा देश में पेट्रोल के दाम 71 रुपये प्रति लीटर व डीजल के दाम 57 रुपये प्रति लीटर थे, किन्तु आज जून माह में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 61 डॉलर प्रति बैरल होने के बावजूद भी पेट्रोल के दाम 102.82 रुपये प्रति लीटर है तथा डीजल के दाम 95.96 रूपये प्रति लीटर हो गये हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी के 7 वर्ष के शासन के दौरान पेट्रोल व डीजल पर 12 बार एक्साईज ड्यूटी बढ़ाई गई और केवल दो बार घटाई गई है, जबकि सरकार ने हमेशा पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी ही की है। डोटासरा ने कहा कि देश के सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खतरे से बचाव हेतु सभी देशवासियों के लिए पर्याप्त मात्रा में मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाने की मांग की थी, किन्तु केन्द्र सरकार देश के लिए वैक्सीन नीति बनाने में असफल रही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की प्रथम लहर के समय प्रधानमंत्री ने समस्त देशवासियों को आश्वस्त किया था कि देश में वैक्सीन बन रही है तथा सभी को केन्द्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध करवाई जायेगी, उन्होंने बजट में भी वैक्सीनेशन हेतु 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया, लेकिन महामारी की दूसरी लहर आने पर मोदी सरकार देशवासियों को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करवाने और उनकी जान बचाने में असफल रही। उन्होंने कहा कि जब पूरे विश्व में मोदी सरकार की वैक्सीन नीति के विफल होने की चर्चा हुई तथा केन्द्र सरकार की अन्तर्राष्ट्रीय जगत में निन्दा होने लगी तो केन्द्र सरकार ने मजबूरी में अपनी घटती लोकप्रियता एवं धूमिल होती छवि के परिणामस्वरूप मजबूरी में देश के सभी 18 वर्ष से बड़ी उम्र के लोगों को मुफ्त टीकाकरण करने का निर्णय लेकर अपने पुराने निर्णय को बदला। जिस वक्त देश के असंख्य लोगों के जीवन की रक्षा करने का समय था उस वक्त वैक्सीनेशन करने के दायित्व को नजरअंदाज करना प्रधानमंत्री जी की सबसे बड़ी चूक थी। उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि यदि सभी को मुफ्त टीका लगवाया जायेगा तो प्राईवेट अस्पतालों में टीका लगाने हेतु वैक्सीन की कीमत वसूलने की छूट क्यों प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने राज्य की जनता को टीका लगाने हेतु बेहतरीन प्रबंधन किया एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप किया, टीकाकरण अभियान में राजस्थान अग्रणी राज्य बना, किन्तु तत्पश्चात् राज्य को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की आपूर्ति बाधित हो गई जिस कारण राज्य की जनता को कष्ट सहने पड़े। डोटासरा ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों के लिए भी वैक्सीन लगाने हेतु नीति बनाई जाए जिससे बच्चों का जीवन सुरक्षित हो सके तथा स्कूली बच्चे अपने स्कूल एवं शिक्षण संस्थाओं में जाकर शिक्षा प्राप्त कर सकें। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर

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