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निकाय चुनावों में कांग्रेस ने तोड़ा ग्रामीण वोटर्स तक ही पकड़ का मिथक

जयपुर, 08 फरवरी (हि. स.)। प्रदेश में चार चरणों में हुए 195 निकायों के चुनाव में 123 नगरीय निकायों पर कब्जा कर कांग्रेस ने राजस्थान में एक मिथक तोड़ दिया है। अब तक कांग्रेस को ग्रामीण वोटरों तक ही सीमित माना जाता था। हमेशा से एक मिथक रहा है कि ग्रामीण वोट बैंक पर कांग्रेस की पकड़ है, तो शहरी वोटर पर भाजपा का कब्जा है, लेकिन इस बार कांग्रेस ने इस मिथक को तोड़ दिया है। 20 जिलों के 90 निकाय चुनाव के नतीजों में जिस तरह से कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर बढ़त बनाई है, वह इसी तरफ इशारा कर रही है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस ने भाजपा पर सिर्फ इन्हीं निकाय चुनाव में बढ़त बनाई है, बल्कि इससे पहले 2019 में हुए निकाय चुनाव में भी यही नतीजा सामने आया था। कांग्रेस ने अब तक प्रदेश में हुए चार चरणों में 195 निकायों के चुनाव में 123 नगरीय निकायों पर कब्जा कर रिकॉर्ड बनाया है, जबकि भाजपा को मात्र 64 निकायों में अध्यक्ष बनाने में सफलता मिली है। निकायों के साथ ही कुल 7475 पार्षदों में से कांग्रेस ने 3036 पार्षदों ने सीटों पर कब्जा किया, तो वहीं भाजपा को 2673 पार्षद पदों पर ही जीत मिली। 1765 पार्षद पदों पर निर्दलीय और अन्य दलों के लोग जीते है। नवंबर 2019 में कुल 49 अध्यक्ष पदों में से कांग्रेस के 35, भाजपा के 13 तथा अन्य दलों के 1 उम्मीदवार जीते। नवंबर 2020 में 6 निकायों में से 4 पर कांग्रेस तो 2 में भाजपा, दिसंबर 2020 में 50 निकायों में से 36 में कांग्रेस, 12 पर भाजपा तथा 2 पर अन्य प्रत्याशी जीते। जनवरी 2021 में कुल 90 निकायों में 48 में कांग्रेस तथा 37 पर भाजपा काबिज हुई है। जबकि 5 स्थानों पर निर्दलीय व अन्य दलों का बोर्ड बना हैं। इन चार चुनावों में कुल 195 निकायों में से 123 पर कांग्रेस, 64 जगह भाजपा तथा 8 जगह निर्दलीय व अन्य दलों का बोर्ड बना है। नवंबर 2019 में 2105 में कांग्रेस के 961, भाजपा के 737 तथा अन्य 407, नवंबर 2020 में 560 पार्षदों में से कांग्रेस के 261, भाजपा के 242 तथा अन्य 57, दिसंबर 2020 में 1775 पार्षदों में से कांग्रेस के 620, भाजपा के 548 तथा निर्दलीय व अन्य 607 एवं जनवरी 2021 में 3035 पार्षद पदों में से कांग्रेस के 1194, भाजपा के 1146 तथा निर्दलीय व अन्य 694 पार्षद जीते। कुल 7475 पार्षद पदों में से कांग्रेस के 3036, भाजपा के 2673 तथा निर्दलीय व अन्य 1765 जीते। वर्ष 1995 में 138 निकायों में से कांग्रेस को 34, भाजपा को 76, सीपीआई को 1 तथा निर्दलीयों को 27, वर्ष 2000 में 138 निकायों में से कांग्रेस को 65, भाजपा को 52 तथा निर्दलीयों को 21, वर्ष 2005 में 138 निकायों में से कांग्रेस को 34, भाजपा को 89 तथा निर्दलीयों को 15, वर्ष 2010 में 138 निकायों में से कांग्रेस को 52, भाजपा को 62, बसपा को 2 तथा निर्दलीयों को 22 एवं वर्ष 2015 में 141 निकायों में से कांग्रेस को 39, भाजपा को 94 तथा निर्दलीयों को 8 जगह बोर्ड बनाने में सफलता मिली थी। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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