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कर के नियमों में किए गए बदलाव से व्यापारियों को होगा नुकसान : फोर्टी

जयपुर, 09 फरवरी (हि. स.)। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पेश किये गये केन्द्रीय बजट में कर के लिए कई प्रावधानों में बदलाव किया गया है, जिनसे आने वाले समय व्यापारियों को काफी परेशानी व दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बजट भाषण में भी इन प्रावधानों का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। इनकमटैक्स व जीएसटी आदि के प्रावधानों में अमेंडमेंट किये जाते है वहां गहराई से अध्ययन किया गया तो यह पाया गया कि बहुत सारे ऐसे कर के कानूनों में परिवर्तन किये गये थे जो आवश्यक नहीं थे। इन्हें लागू करने के पश्चात काफी मुश्किलें आएंगी। इस संदर्भ में फोर्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इन प्रावधानों को लागू ना करने का आग्रह किया है। फोर्टी के अतिरिक्त महामंत्री पंकज घिया के अनुसार सम्पूर्ण उद्योग व व्यापार जगत यह आशा कर रहा था कि जीएसटी व इनकम टैक्स में सरलीकरण किया जायेगा। अब जो प्रावधान किये गये है, इसमें कंप्लायंस का भार बहुत बढ़ता है। कई स्थान पर तो ऐसा किया गया है यदि कोई व्यक्ति किसी भी कर को भरने में 1 दिन की देरी करता है तो उसे उसकी आय मान लिया जायेगा। इससे ऐसा लगता है कि कारोबारी व्यापार को छोडक़र सिर्फ कानून की पालना में ही लगा रहेगा। छोटा-लघु एवं मध्यम व्यापारी के लिए तो इन कानून का प्रावधान करना एकदम मुश्किल व असमर्थ है इससे छोटा व्यापारी एकदम खत्म हो जायेगा। फोर्टी मार्गदर्शक सीए विजय गोयल ने बताया आयकर की धारा 281 बी और जीएसटी की धारा 83 (1) मे यह प्रस्तावित किया गया है कि अब कर अपवंचना के मामले में कर अधिकारी एक साल तक कंपनी और फर्म की संपत्ति और बैंक खाते के अलावा इनके डायरेक्टर, पार्टनर एवं एडवोकेट की भी संपत्ति और बैंक खाते प्रोविजनल अटेचमेंट कर सकता है। ये प्रावधान व्यापार में आसानी नही करेगा बल्कि विवादों को जन्म देगा। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप-hindusthansamachar.in

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