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बजट प्रतिक्रिया: बजट में अभिभावकों को कोई राहत नही, शिक्षा को लेकर राज्य सरकार गंभीर नही

जयपुर,24 फरवरी(हि.स.)। राज्य सरकार ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया, जिसको लेकर प्रदेश के अभिभावकों को आशा थी कि राज्य सरकार निजी स्कूलों की हठधर्मिता पर लगाम लगाएगी, खुद की चुनावी घोषणा " नियामक बोर्ड " के गठन का एलान करेगी किन्तु अभिभावकों को निराशा हाथ लगी। संयुक्त अभिभावक संघ ने अशोक गहलोत के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि " राज्य सरकार शिक्षा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नही है, इस बार के बजट में अभिभावकों की सबसे बड़ी मांग कोविड़ काल की स्कूल फीस थी जिसको लेकर पिछले एक वर्ष से संघर्ष चल रहा है किंतु राज्य सरकार ने अभिभावकों की इस मांग को दरकिनार कर दिया। ना ही नियामक बोर्ड का गठन किया। प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि बजट तो पिछले वर्ष भी आया था उसमें भी घोषणा की गई थी ठीक उसी तरह इस वर्ष का बजट पेश कर राज्य सरकार ने खानापूर्ति की है। सरकारी स्कूलों को लेकर जो घोषणा की गई है वह केवल राजनीतिक झुनझुने है जबकि सरकार को पुराने सरकारी स्कूलों की दुर्दशा पर भी बजट पेश करना चाहिए था, आजादी के समय बने स्कूल मरनाशन अवस्था मे पड़े है इस बजट में उन सरकारी स्कूलों को संजीवनी देनी चाहिए थी किन्तु उन स्कूलों पर ध्यान न देकर खानापूर्ति करने के लिए नई घोषणा की गई है। राज्य सरकार ने इस बजट में पाठ्यपुस्तक और स्कूल यूनिफॉर्म निशुल्क उपलब्ध करवाने की घोषणा की है क्या यह सुविधाएं स्टेट ओपन स्कूल की तर्ज पर दी जाएगी जिसमें दिसम्बर में मिलने वाली पाठ्यपुस्तकें मई माह में दी जा रही है। सरकारी स्कूलों को डिजिटल बनाने के स्मार्ट टीवी और सेटटॉप बॉक्स व इंटरनेट की सुविधाओ की घोषणा भी की गई है इस घोषणा से बच्चे केसे इन सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे इसकी जानकारी सरकार ने नही दी, क्या स्कूलों में अब बच्चों को मनोरंजन करवाने की योजना है। गांवों में 1200 महात्मा गांधी राजकीय स्कूल खोलने की भी घोषणा की गई है जो केवल मात्र राज्य सरकार का मुंगेरी लाल के हसीन सपनों जैसा है इससे बेहतर होता जो स्कूल बने हुए सरकार उस ओर ध्यान देती उनकी मरमत, निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग निर्माण की घोषणा करनी चाहिए थी, स्कूलों में बच्चो के बैठने के लिए टेबल, कुर्सी, पेयजल की व्यवस्था करनी चाहिए थी। किन्तु सरकार ने इस और ध्यान नही दिया। प्रदेश अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा कि यह बजट जनता विरोधी बजट है सरकार को अपने इस बजट में कोविड़ समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए था किंतु कारोबारियों, माफीताओ का ध्यान रखा गया है जनता और अभिभावक दोनो को कुछ हासिल नही हुआ इस बजट में। जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने कहा कि बजट 2021 पूरी तरह से थोथा चना बाजे घना की तर्ज पर है सरकार ने केवल चुनाव और किसानों को लुभाने को लेकर बजट पेश किया। बजट में जनता और अभिभावकों की आशाओ को घोर निराशा हाथ लगी है। हिन्दुस्थान समाचार/दिनेश/ ईश्वर

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